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टोल प्लाजा में लगे सीसीटीवी का निकाला जायेगा फुटेज

गया: विगत 22 जनवरी से जीटी रोड से अपहृत हुए रोहतास जिले के डेहरी थाने के जमुहार के रविरंजन सिंह, अमरेश सिंह व सद्दाम का सुराग अब तक नहीं मिला है. तीनों का सुराग पाने के लिए लगातार आठ दिनों से गया के सिटी एसपी की मॉनीटरिंग में गठित एसआइटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) में शामिल […]

गया: विगत 22 जनवरी से जीटी रोड से अपहृत हुए रोहतास जिले के डेहरी थाने के जमुहार के रविरंजन सिंह, अमरेश सिंह व सद्दाम का सुराग अब तक नहीं मिला है. तीनों का सुराग पाने के लिए लगातार आठ दिनों से गया के सिटी एसपी की मॉनीटरिंग में गठित एसआइटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) में शामिल एक डीएसपी, चार इंस्पेक्टर व सब इंस्पेक्टर रैंक के 12 पुलिस पदाधिकारी 24 घंटे लगे हैं. इस मामले की जांच में जुटी एसआइटी अब आमस टॉल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज निकालने की तैयारी कर रही है.

गौरतलब है कि विगत 22 फरवरी को एनएच-टू होकर रोहतास से रांची जाने के दौरान रविरंजन सिंह अपनी नयी फॉचरुनर गाड़ी से आमस के पास टोल प्लाजा पार की थी. उस टॉल प्लाजा पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं. एसआइटी के अधिकारियों को निर्देश मिला है कि टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज का रेकॉर्ड निकला जाये और पता लगाया जाये कि जिस समय रविरंजन सिंह की गाड़ी टोल प्लाजा पार कर रही थी, उस समय उनकी गाड़ी के पीछे-पीछे कौन-कौन सी संदिग्ध गाड़ियां पार की थीं. टोल प्लाजा पार करनेवाली गाड़ियों की पहचान नंबर प्लेट के आधार पर की जाये. पुलिस के वरीय अधिकारियों को आशंका है कि एक गाड़ी में कुछ ऐसे लोग सवार थे, जो रविरंजन सिंह की गाड़ी का लगातार पीछा कर रहे थे.

एनआइए के तर्ज पर हो रही जांच

एनआइए (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) के तर्ज पर इस अपहरणकांड की जांच की जा रही है. एसआइटी व टेक्निकल सेल के पुलिस पदाधिकारियों को कई टीमों में बांटा गया है. हर टीम को इस अपहरण मामले से जुड़े अलग-अलग बिंदुओं की जांच करने की जिम्मेवारी दी गयी है. हर रात डोभी थाने में जांच टीम में शामिल सभी अधिकारियों के साथ प्रभारी एसएसपी सह सिटी एसपी राकेश कुमार बैठक कर इस मामले में हुई प्रगति की समीक्षा करते हैं. बुधवार की देर रात भी सिटी एसपी ने डोभी थाने में एसआइटी के साथ बैठक कर उन सभी बिंदुओं पर चर्चा की, जो इस अपहरणकांड के खुलासे में सहायक हो सकते हैं. सिटी एसपी ने एसआइटी को अपहृतों के परिजनों से अलग-अलग बातचीत करने का निर्देश दिया. साथ ही, इस बात का पता लगाने का निर्देश दिया कि अपहृतों के घर व उनके व्यवसाय से कौन-कौन लोग ज्यादा लगाव रखते थे.

कब बनी गाड़ी की सर्विसिंग की योजना ?

एसआइटी को इस बात का भी पता लगाने का निर्देश दिया गया है कि रविरंजन सिंह अपनी फॉचरुनर गाड़ी की सर्विसिंग कराने की योजना कब बनायी थी. उस समय वहां कौन-कौन लोग मौजूद थे? रविरंजन सिंह रांची जानेवाले हैं, इसकी जानकारी घर के परिवारों के साथ-साथ और किस-किस व्यक्ति को जानकारी थी. एसआइटी इस बात से अवगत है कि रविरंजन सिंह के आसपास कोई न कोई एक ऐसा व्यक्ति है, जो उनकी हर गतिविधियों पर कई दिनों से नजर रख रहा था.

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