गया: गया कॉलेज का एकता भवन नवाकुंर विद्यार्थियों से भरा था. बीच में उनके अभिभावक भी बैठे थे. अवसर था प्रभात खबर की ओर से आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह का. इसमें वे छात्र-छात्रएं थे, जो करियर के चयन की दहलीज पर खड़े हैं. ऐसे में कोई उनका हौसला अफजाई करने के लिए सम्मानित कर मार्ग प्रशस्त करे, तो उन छात्रों के तो मानो पर ही लग जायें. वह भी ज्ञान व सम्मान साथ-साथ. अर्थात् विद्वानों, अफसरों व राजनीतिकों के अनुभव व विचार के साथ मेडल व प्रशस्ति पत्र भी. कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत गान से होती है.
फिर अतिथियों का सम्मान. कई विद्वान अतिथियों ने इस बात की सराहना की कि देश, समाज का सजग प्रहरी- मीडिया,जिसे लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहते हैं, का काम समाचार वाचन या प्रकाशन ही नहीं, बल्कि एक ऐसे मोड़ पर खड़ी प्रतिभाओं को राह दिखाना भी है, जिसके सामने भविष्य की दिशा तय करने की चुनौती है. यह सच कर दिखाने में जुटा है अग्रणी अखबार ‘प्रभात खबर’. पिछले साल भी प्रभात खबर ने गया में कार्यक्रम कर प्रतिभाओं का सम्मान किया था.
इस बार संख्या हजार से पार गयी. जैसा नाम, वैसा काम. अमूमन अवार्ड व सम्मान जीवन के अवसान के दौर में मिलते हैं. पर, प्रभात खबर ने विद्यार्थियों को यह सम्मान उस पड़ाव पर दिया है, जहां से वह सही जीवन अर्थात करियर की शुरुआत करनेवाले हैं. बिल्कुल ‘प्रभात खबर’ नाम के अनुरूप. प्रभात खबर की कामना कि प्रतिभावान विद्यार्थियों के जीवन में भी नया प्रभात आये.
सचमुच विद्यार्थी जीवन के दूसरे चरण की शुरुआत के क्षण में उनकी कमाई का मेहनताना मिल गया. कार्यक्रम में उपस्थित विद्यार्थियों के सम्मान से उनके बाद की पीढ़ी को भी एक नयी ऊर्जा मिली. एक प्रेरणा कि कल अच्छा करें, तो उन्हें भी मंच मिले. सचमुच मंच उस समय और गरिमामय हो गया, जब विद्यार्थियों के दादा, दादी व नाना आदि ने आकर नाती-पोते का सम्मान पत्र प्राप्त किया.
एक छात्र, जिसने खुली आंखों से दुनिया नहीं देखी, सम्मान पाकर नयी ऊर्जा से ओत-प्रोत था. ज्ञान व सम्मान की सचमुच अविरल धारा बह रही थी. और ऐसा हो भी क्यों नहीं. मंच पर मगध विश्वविद्यालय के कुलपति, रजिस्ट्रार, जिला शिक्षा पदाधिकारी, गया कॉलेज के प्रिंसिपल, गया के डिप्टी मेयर, एएसपी, साहित्यकार व विद्वान गोवर्धन प्रसाद सदय, गया जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के महामंत्री डॉ राधानंद सिंह, समाजसेवी शिवराम डालमिया जैसी हस्तियां जो मौजूद थीं.