बैठक में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा डॉक्टर के निजी क्लिनिक व अस्पतालों में काम करनेवाले कंपाउंडरों (सहायकों) को डॉक्टर के विभिन्न प्रकार के फीस में 25 फीसदी हिस्सेदारी दिलाने पर विस्तार से चर्चा की गयी. बैठक में सम्मेलन को सफल बनाने के लिए रणनीति तय की गयी. इसके लिए कोष संग्रह, सम्मेलन स्थल का चयन, तोरण द्वार लगाने, लाइट-साउंड पर एक-एक कर चर्चा की गयी.
पारित की गयी 11 सूत्री मांगों में सभी अप्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मचारियों को सरकारी स्तर पर प्रशिक्षण दिलाने, शिक्षा मित्र व विकास मित्र की भांति चिकित्सा मित्र की भी बहाली करने, सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में इनकी नियुक्ति करने, डॉक्टर के विभिन्न प्रकार के फीस में 25 फीसदी कंपाउंडरों को हिस्सेदारी दिलाने, डॉक्टरों के लेटर पैड में सहायकों का नाम अनिवार्य रूप से अंकित करने, बस पड़ाव व स्टेशन जैसे सार्वजनिक स्थलों पर प्राथमिक उपचार केंद्र खोलने आदि की मांग शामिल है. बैठक की अध्यक्षता विनोद कुमार जया ने की. जिला सचिव कृष्णनंदन कुमार, महासचिव राजाराम बाबू, संगठन सचिव जितेंद्र नारायण सिंह, उपाध्यक्ष दिलीप कुमार व डॉ आरपी वर्मा आदि ने बैठक को संबोधित किया.