माओवादी हमला होने के बाद मौके पर मौजूद मजदूर व ड्राइवर भाग निकले और मोबाइल फोन से घटना की जानकारी कंपनी के मालिक विजय सिंह को देकर स्विच्ड ऑफ कर लिया. सड़क निर्माण कंपनी पर हमला होने की सूचना मिलने पर एसएसपी पी कन्नन व सिटी एसपी राकेश कुमार के निर्देश पर एएसपी (नक्सल) शंभु प्रसाद के नेतृत्व में शेरघाटी डीएसपी अजय कुमार सिंह, डोभी थानाध्यक्ष मधुसूदन कुमार, शेरघाटी थानाध्यक्ष कमलेश कुमार शर्मा सहित एसटीएफ व सीआरपीएफ के अधिकारियों व जवानों ने मानसीडीह की ओर से माओवादियों के भागनेवाली दिशाओं में छापेमारी शुरू की गयी. लेकिन, पुलिस को सफलता नहीं मिली. एसएसपी ने बताया कि नक्सली हमले में वाहनों में आग लगाये जाने की सूचना है. सूचना मिलने के साथ ही माओवादियों की धर-पकड़ के लिए कांबिंग ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है.
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डोभी में नक्सली हमला दो गाड़ियों को फूंका
गया: आंती व कोंच थाना इलाके में मोबाइल टावरों को निशाना बनाने के बाद सोमवार की रात नक्सली संगठन पीएलएफआइ के लड़ाकू दस्तों ने डोभी थाने के मानसीडीह गांव में स्थित हरिओम-सत्यचंडी कंस्ट्रक्शंस कंपनी के कैंप पर हमला किया और सड़क निर्माण में लगे दो बड़े वाहनों में आग लगा दी. माओवादी हमला होने के […]
गया: आंती व कोंच थाना इलाके में मोबाइल टावरों को निशाना बनाने के बाद सोमवार की रात नक्सली संगठन पीएलएफआइ के लड़ाकू दस्तों ने डोभी थाने के मानसीडीह गांव में स्थित हरिओम-सत्यचंडी कंस्ट्रक्शंस कंपनी के कैंप पर हमला किया और सड़क निर्माण में लगे दो बड़े वाहनों में आग लगा दी.
18 करोड़ की लागत से बन रही है सड़क. सूबे के पंचायती राज मंत्री डॉ विनोद
प्रसाद यादव का पैतृक गांव शेरघाटी प्रखंड के कचौड़ी पंचायत में स्थित है. शेरघाटी विधानसभा से विधायक चुने जाने के पहले वह कचौड़ी पंचायत से ही पंचायत समिति सदस्य चुने गये थे और शेरघाटी के प्रखंड प्रमुख बने थे. मंत्री बनने के बाद श्री यादव ने गया-डोभी मुख्य पथ पर स्थित करमौनी से नउआडीह-मानसीडीह, घोड़वाड़ी व कचौड़ी गांव होते गोपालपुर जीटी रोड को जोड़ने वाली सड़क को पक्कीकरण करने की योजना बनायी और करीब 18 करोड़ रुपये की लागत से करमौनी-नउआडीह व मानसीडीह सड़क निर्माण कार्य को पथ निर्माण विभाग से शुरू कराया. सड़क निर्माण का ठेका औरंगाबाद की कंपनी हरिओम-सत्यचंडी कंस्ट्रक्शन कंपनी ने लिया. करीब दो-तीन माह से इस सड़क का निर्माण कार्य शुरू किया गया था. लेकिन, इस पर माओवादियों की नजर लेवी की मांग पर टिक गयी.
मांगी गयी थी लेवी, होने वाला था समझौता. सूत्रों के अनुसार, भाकपा-माओवादी संगठन के लेवी वसूलने वाली विंग ने सड़क निर्माण कंपनी से लेवी की मांग की थी. शुरुआत में दोनों पक्षों में बात नहीं बनी. लेकिन, हाल के दिनों में दोनों पक्षों में समझौता होने की संभावना थी. इसी बीच सोमवार की रात माओवादियों ने कैंप पर हमला कर वाहनों में आग लगा दी. हालांकि, लेवी की मांग को लेकर डोभी थाने में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं गयी है. लेकिन, सोमवार की देर शाम से खुफिया एजेंसियों ने पुलिस को आगाह किया था कि डोभी व बाराचट्टी इलाके में किसी स्थान पर माओवादी हमला होनेवाला है. इस बार माओवादियों के निशाने पर सड़क निर्माण कंपनी है. इस कारण डोभी व बाराचट्टी इलाके में सड़क निर्माण करनेवाले कई कंपनियों के मालिकों को पुलिस ने फोन कर अपनी-अपनी गाड़ी को कैंप से हटाने की सूचना दी थी. कई ठेकेदारों ने इसे गंभीरता से लिया और अपनी-अपनी गाड़ियों को सड़क निर्माण स्थल से हटा कर सुरक्षित स्थान पर लगाना शुरू कर दिया था. इसी बीच माओवादियों ने मानसीडीह स्थित कैंप में हमला कर दिया.
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