गया: लापरवाही बरतने के आरोप में गया जिले के 17 सैप के जवानों को बरखास्त कर दिया गया है. मगध के डीआइजी नैयर हसनैन खान ने गया जिले के 17 सैप के जवानों को सेवा से बरखास्त करने पर अपनी मुहर लगा दी है. हालांकि, यह संख्या और भी बढ़ सकती है. गुरुवार को नवादा जिले के 15 सैप के जवानों की सेवा को बरखास्त करने की प्रक्रिया की जा रही है. डीआइजी ने बताया कि भगोड़े सैप के जवानों की सूची बनायी जा रही है. उनके विरुद्ध कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है. गुरुवार की शाम तक जहानाबाद व अरवल से रिपोर्ट डीआइजी के पास नहीं आयी थी, लेकिन, जैसे-जैसे रिपोर्ट आ रही है. सैप के जवानों को सेवा से बरखास्त कर दिया जा रहा है.पुलिस सूत्रों के अनुसार, गया जिले के बाराचट्टी थाने में तैनात सैप महेश्वर राय (512) को डीआइजी ने उनकी सेवा से मुक्त कर दिया.
शेरघाटी के डीएसपी राजेश कुमार द्वारा की गयी जांच के दौरान श्री राय बिना सूचना के गायब पाये गये थे. डीएसपी व एसएसपी के रिपोर्ट पर डीआइजी ने अपनी मुहर लगा दी. इसी प्रकार गया जिले 16 सैप के जवानों को मधेपुरा जिले के बिहारीगंज थाना, तुलसिया कैंप व मुरलीचक स्थित गैमन इंडिया कंपनी के कैंप में तैनात किया गया था, लेकिन 20 जुलाई को की गयी जांच के दौरान मधेपुरा के एसपी ने 16 सैप के जवानों को बिना सूचना के गायब पाया था. इसकी सूचना उन्होंने गया के एसएसपी गणोश कुमार को दी. एसएसपी ने उक्त 16 सैप के जवानों को सेवा से मुक्त करने की अनुशंसा डीआइजी से की. डीआइजी ने उस रिपोर्ट पर अपनी मुहर लगा दी.
सेवा से मुक्त होने वाले जवानों के नाम हैं-रामजी सिंह (1068), अंबिका सिंह (810), उमेश कुमार सिंह (3336), हरेंद्र पांडेय (9712), हरेंद्र पांडेय (6680), गिरीश शर्मा (1902), सुरेश प्रसाद (973), दिनेश यादव (822), अखिलेश्वर शर्मा (1479), ललन सिंह (1017), चंद्रकेत सिंह (619), वीरेंद्र सिंह (1368), आशिक अली खां (2666), कैलाश चौधरी (1443), रुदल प्रसाद सिंह(9933) व राम नाथ सिंह (1731).
हमले के दौरान भी थे गायब
17 जुलाई की देर शाम भाकपा–माओवादियों के हथियारबंद दस्ते ने औरंगाबाद जिले के गोह थाने में स्थित एमबीएल कैंप पर हमला किया था. इस दौरान सैप के जवान पारसनाथ मिश्र, सुभाष सिंह व अमरीक सिंह सहित दो निजी सुरक्षा गार्ड शहीद हो गये. साथ ही सैप बलबिन्दर सिंह, विमल भगत व मंगल सिंह घायल हुए थे. हमले के दौरान माओवादियों ने कैंप से तीन एके-47, 12 एसएलआर, 15 इंसास और 2500 कारतूस लूट लिये थे. इस मामले की जांच के दौरान पुलिस के वरीय अधिकारियों ने पाया था कि कैंप में तैनात 30 से 23 जवान कैंप में मौजूद नहीं थे.
इस दौरान जवानों के कैंप से बाहर रहने के कारण इतनी बड़ी घटना को अंजाम देने में माओवादी कामयाब रहे. इस घटना से सबक लेते हुए 23 जुलाई को आइजी (ऑपरेशन) अमित कुमार ने ड्यूटी से गायब रहने और बिना सूचना के अनुपस्थित रहने वाले सैप के जवानों को तुरंत सेवा से मुक्त करने का आदेश दिया है. इसी आदेश के आलोक में भगोड़े सैप के जवानों पर कार्रवाई की जा रही है.