इसका एक प्रत्यक्ष प्रमाण बुधवार की रात करीब साढ़े 12 बजे रेलवे स्टेशन पर देखने को मिला. स्टेशन पर स्थित पोर्टिको के पास दो-तीन लोग एक युवक को चोर-चोर कह कर पीटने लगे. मार खानेवाले युवक ने इसका विरोध किया व अपने आप को निदरेष बताया. इस युवक के भी समर्थन में तीन-चार लोग हो गये और पिटाई करनेवालों लोगों से सवाल-जवाब करना शुरू कर दिया. लोगों का सवाल था कि अगर युवक चोर है, तो उसने किसान सामान चुराया है. इस बात को लेकर दोनों ओर से काफी कहासुनी हुई. बाद में पिटाई करनेवाले दो लोग उस युवक को बुकिंग काउंटर के पास ले गये व वहां सो रहे एक परिवार को जगा कर चोरी से संबंधित पूछताछ की. लेकिन, उस परिवार ने किसी भी सामान की चोरी होने की घटना से इनकार किया. फिर क्या था.
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जंकशन की सुरक्षा भगवान भरोसे
गया: गया रेलवे स्टेशन आतंकियों के निशाने पर है. यहां आतंकी हमला हो सकता है. इसका खुलासा दिसंबर माह में केंद्रीय खुफिया एजेंसी ने किया था. इस बाबत पटना मुख्यालय से कागजों पर रेलवे स्टेशन की सुरक्षा बढ़ा दी गयी. लेकिन, धरातल पर हकीकत कुछ और ही है. इसका एक प्रत्यक्ष प्रमाण बुधवार की रात […]
गया: गया रेलवे स्टेशन आतंकियों के निशाने पर है. यहां आतंकी हमला हो सकता है. इसका खुलासा दिसंबर माह में केंद्रीय खुफिया एजेंसी ने किया था. इस बाबत पटना मुख्यालय से कागजों पर रेलवे स्टेशन की सुरक्षा बढ़ा दी गयी. लेकिन, धरातल पर हकीकत कुछ और ही है.
पिटाई करनेवालों को आसपास खड़े युवकों ने पकड़ा व गाली-गलौज के साथ मारपीट शुरू कर दी. काफी देर तक मारपीट के बाद वह जान बचा कर वहां से भगा. लेकिन, युवकों ने उसे दौड़ा-दौड़ा कर पीटा. थक हार कर वह रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक की ओर भाग कर अपनी जान बचायी. यह घटना करीब 20 मिनट तक होती रही. लेकिन, इस दौरान वहां न तो कोई पुलिस पदाधिकारी पहुंचा व न ही सिपाही. पोर्टिको के पास करीब 100 से अधिक यात्रियों की भीड़ लगी रही. लेकिन, इसकी भनक पुलिस को नहीं लगी. इस घटना के बीत जाने के 15 मिनट बाद जान बचा कर भागनेवाले युवक के साथ दो सिपाही वहां आये, लेकिन तब तक वहां का सारा माजरा समाप्त हो चुका था.
200 की जगह सिर्फ 90 जवान
रेलवे पुलिस सूत्रों के अनुसार, रेलवे स्टेशन की सुरक्षा व ट्रेन में पैट्रोलिंग के लिए 200 सिपाहियों का पद सृजित है. लेकिन, यहां सिर्फ 90 जवान व पुलिस पदाधिकारी हैं. गया रेलवे स्टेशन से गुजरनेवाली ट्रेनों की सुरक्षा भी इन्हीं जवानों व पुलिस पदाधिकारियों के कंधों पर है. गया रेलवे स्टेशन पर नौ प्लेटफॉर्म सहित 12 स्थानों पर सिपाहियों की गश्ती तीन शिफ्टों में की जाती है.
क्या कहते हैं रेल थानाध्यक्ष
रेल (जीआरपी) थानाध्यक्ष राजकुमार प्रसाद ने बताया कि रेलवे स्टेशन की सुरक्षा की लगातार मॉनिटरिंग की जाती है. सुरक्षा को लेकर प्रतिदिन कई स्थानों पर गश्ती पुलिस दल को लगाया जाता है. बुधवार की देर रात स्टेशन के पास हुई घटना के दौरान वहां सिपाही थे. हो सकता है कि उसी समय सिपाही प्लेटफॉर्म की ओर गश्ती करने चला गया होगा. उन्होंने बताया कि चोर-चोर कह कर मारपीट की घटना के बारे में छानबीन की गयी. वहां मौजूद लोगों ने बताया कि दो युवक एक दूसरे को चोर-चोर कह कर आपस में उलझ गये थे. इस मामले में थाने में कोई शिकायत दर्ज नहीं करायी गयी है. अगर, शिकायत आती है, तो कार्रवाई की जायेगी.
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