बोधगया: महाबोधि मंदिर परिसर व बोधगया के अन्य जगहों पर हुए विस्फोटों की जांच कर रही एनआइए की टीम अब बोधगया मंदिर प्रबंधकारिणी समिति (बीटीएमसी) के सदस्यों से भी पूछताछ करने में जुट गयी है. विस्फोटों की जांच के तहत टीम ने बीटीएमसी के सदस्य महंत सुदर्शन गिरि, अरविंद सिंह व डॉ राधाकृष्ण मिश्र उर्फ भोला मिश्र पूछताछ की गयी.
बीटीएमसी के बौद्ध सदस्य भंते ज्ञानेश्वर व भंते सुरई ससई से भी पूछताछ किये जाने की जानकारी है. हालांकि दो महिला सदस्य महारथी महाश्वेता व कुमुद वर्मा से पूछताछ करने की एनआइए की टीम ने शायद उचित नहीं समझा. जानकारी के अनुसार, महंत श्री गिरि से यह पूछा गया कि आप कब से यहां महंत हैं? आपके गुरु कौन थे ? बम विस्फोट के वक्त आप कहां थे और विस्फोट के बाद की स्थिति कैसी थी? टीम ने बीटीएमसी की विभिन्न बैठकों में शामिल होने और उसमें लिये गये निर्णयों के बारे में भी महंत श्री गिरि से जानकारी ली गयी.
मामले की तफ्तीश में जुटी एनआइए की टीम ने सदस्य डॉ राधाकृष्ण मिश्र से पूछा-किस परिस्थिति में निजी सुरक्षा एजेंसी कोबरा को रिन्यूवल दिया गया था. इसके अलावा बीटीएमसी में सदस्य बनने से उन्हें पारिश्रमिक के रूप में क्या मिलता है? डॉ मिश्र ने कोबरा का रिन्यूवल सर्वसम्मत से दिये जाने व पारिश्रमिक के रूप में कुछ भी नहीं मिलने की जानकारी टीम को दी गयी. इसके साथ ही बम ब्लास्ट की घटना के वक्त कहां थे, कैसे इसकी जानकारी मिली सहित बीटीएमसी के बारे में अन्य जानकारियां भी जांच टीम ने सदस्यों से ली है. हालांकि, गत सात जुलाई के बाद से कई बिंदुओं पर पड़ताल कर रही जांच टीम को फिलहाल कोई बड़ी सफलता हाथ नहीं लगी है, पर टीम का मानना है कि विस्फोटों से जुड़े लोगों का खुलासा जल्द ही होगा.