मिर्जा गालिब की जयंती पर मिर्जा गालिब कॉलेज में चला शायरी का दौरशायरों की तकरीर सुन लोग हुए मुरीदसंवाददाता, गयामिर्जा गालिब की 217 वीं जयंती पर मिर्जा गालिब कॉलेज में रविवार की शाम शायरी का कार्यक्रम हुआ. शाम में लगी शायरी की महफिल देर रात तक जमी रही. इस कार्यक्रम में कई राज्यों से आये शायरों ने अपनी शयरी पेश कर लोगों से वाहवाही लूटी. सुहैल उस्मानी ने नातीया शायरी से कार्यक्रम की शुरुआत की. महेंद्र अश्क ने ‘मेरी तलाश में बस्ती तक आ गया दरिया, मैं डूब जाता तो शायद उतर गया होता’, आगरा के अनवर अकराबादी ने पेश किया ‘जितने बेबाक तेरे जलेवे हो गये, उतनी गुस्ताख मेरी नजरें हो गयीं’, उतराखंड के अलीम वाजिद ने ‘दुनिया से मुहब्बत को मिटाया न जायेगा, ये वो चराग है जो बुझाया न जायेगा’, कानपुर की नूरी परवीन ने ‘प्यार का तकाजा है, मैं न बाज आउंगी, उम्र भर तू रूठेगा, उम्र भर मनाउंगी’ व किशनगंज के तबरेज हाशमी ने ‘ये जमीन मुहब्बत की लोग भोले-भाले हैं, एक तरफ मस्जिद हैं एक तरफ शिवालय हैं’ जैसी शायरी पेश कर लोगों को अपना मुरीद बना लिया. इसके अलावा यूपी के शरीफ शहवाज व रिहान हासमी, मालेगांव के सफीक अयूबी, तरन्नुम कानपुरी, पटना के हसन नवाब, प्रो शाहीद रिजवी फिरदौस गयावी, मुनाजिर हसन शाहीन, मरगुब असर फातमी, खालिद हुसैन, परदेसी, काबरी, प्रो जावेद अशरफ और नदीम जाफरी जैसे शायरों ने भी तकरीर पेश की. कार्यक्रम की अध्यक्षता जमील खैरावादी ने की. इस मौके पर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष मसउद मंजर, शासी निकाय के अध्यक्ष सैयद खुर्शीद शर्फुद्दीन, प्राचार्य डॉ गुलाम समदानी, प्रो बदीउज्जमा, प्रो रिजवान कौसर, प्रो अरुण कुमार प्रसाद समेत बड़ी संख्या में गण्यमान्य मौजूद थे.
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जितने बेबाक तेरे जलवे, उतनी गुस्ताख मेरी नजरें
मिर्जा गालिब की जयंती पर मिर्जा गालिब कॉलेज में चला शायरी का दौरशायरों की तकरीर सुन लोग हुए मुरीदसंवाददाता, गयामिर्जा गालिब की 217 वीं जयंती पर मिर्जा गालिब कॉलेज में रविवार की शाम शायरी का कार्यक्रम हुआ. शाम में लगी शायरी की महफिल देर रात तक जमी रही. इस कार्यक्रम में कई राज्यों से आये […]
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