गया: नगर निगम के दैनिक मजदूरों को दो माह का वेतन दिये जाने के आश्वासन के साथ ही बुधवार को हड़ताल खत्म हो गयी. निगम के सभाकक्ष में मेयर सोनी कुमारी व डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव की मौजूदगी में नगर आयुक्त और कर्मचारी नेताओं के बीच समझौता वार्ता हुई. इस दौरान कई बिंदुओं पर चर्चा हुई.
उल्लेखनीय है कि हड़ताल का मुख्य कारण कर्मचारियों का बकाया वेतन था. कर्मचारियों ने पहले इसे पूरा करने की शर्त रखी थी. वार्ता में तय हुआ कि दैनिक मजदूरों को दो-दो माह का वेतन दे दिया जायेगा. इसके बाद स्थायी कर्मचारियों के बकाये वेतन की मांग भी उठी. नगर आयुक्त डॉ नीलेश देवरे ने बताया कि फिलहाल निगम इन लोगों का वेतन देने में सक्षम नहीं है.
जनवरी में एक महीने का वेतन दिया जा सकता है. कर्मचारी नेताओं ने जनवरी में दो महीने का वेतन देने का प्रयास करने को कहा, जिसे लोगों के अनुरोध के बाद नगर आयुक्त ने मान लिया. गौरतलब है कि विभिन्न मांगों को लेकर निगमकर्मी शुक्रवार से हड़ताल पर थे. इस वजह से शहर में साफ-सफाई के साथ-साथ तमाम कामकाज बाधित थे.
..और उठ कर चले गये नगर आयुक्त : बैठक शुरू होने के बाद ही मेयर-डिप्टी मेयर के बीच विवाद हो गया. दोनों ने नगर आयुक्त पर अवहेलना का आरोप लगाया. इससे नाराज नगर आयुक्त बैठक छोड़ कर चले गये. इसके बाद मौजूद कर्मचारियों व अधिकारियों के समझाने पर वह वापस आये और बैठक शुरू हुई. उनका कहना था कि मुद्दे पर बात न कर उन पर व्यक्तिगत आरोप लगाये जा रहे हैं.
जारी रहा मान-मनौव्वल का दौर: किसी तरह बैठक शुरू तो हो गयी, लेकिन इस बार कर्मचारी नेता अमृत प्रसाद नाराज हो गये. वार्ता के दौरान उनकी बात के बीच में पार्षद शशिकिशोर शिशु द्वारा हस्तक्षेप किये जाने से वह नाराज हो गये. इस बार वह वार्ता बीच में छोड़ कर जाने लगे. उन्हें भी किसी तरह मान-मनौव्वल कर रोका गया.