गया : रमजान के महीने में अल्लाह के नजदीक जाने का मौका मिलता है. यह वह पवित्र महीना है, जिसमें अल्लाह रहमत बरसाते हैं. ये बातें मसजिद हजरते पीर मंसूर के कारी मौलाना मो तबारक हुसैन ने कहीं. उन्होंने बताया कि इस रमजान के महीने में रोजेदार आत्म नियंत्रण के जरिये खुद की बुराइयों से अलग रखता है.
आत्म नियंत्रण के लिए खुद को रोजेदार भूखे–प्यासे सभी बुराइयों से दूर रहते हुए दुनियदारी के कामों से समय निकाल कर अल्लाह की इबादत में समय बिताना होता है. उन्होंने बताया कि रमजान के पवित्र महीने को तीन भागों (अशरों) में बांटा गया है. इस माह के पहले 10 दिनों को बरकत का दिन, दूसरे 10 दिनों का रहमत का दिन और तीसरे अंतिम 10 दिनों का समय अशरा मगफिरत (गुनाहों की माफी) का समय होता है.