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बच्चे की मौत पर क्लिनिक में हंगामा

* परिजनों ने लगाया आरोप, बच्चे को तत्काल ऑक्सीजन दिया गया होता, तो न होती मौत* पुलिस ने लोगों को समझा कर कराया शांत* घटना के समय मैं नहीं था अस्पताल में : डॉक्टरगया : कोतवाली थाना क्षेत्र के अबू सलेह रोड स्थित शिव शिशु अस्पताल में एक नवजात की मौत के बाद परिजनों ने […]

* परिजनों ने लगाया आरोप, बच्चे को तत्काल ऑक्सीजन दिया गया होता, तो न होती मौत
* पुलिस ने लोगों को समझा कर कराया शांत
* घटना के समय मैं नहीं था अस्पताल में : डॉक्टर
गया : कोतवाली थाना क्षेत्र के अबू सलेह रोड स्थित शिव शिशु अस्पताल में एक नवजात की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा किया. इसकी सूचना अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को दी. इसके बाद कोतवाली थाने की पुलिस ने मौके पर पहुंच कर स्थिति को नियंत्रित किया. मृतक नवजात की मां रेखा देवी का आरोप था कि तत्काल बच्चे को ऑक्सीजन लगाया गया होता, तो उसकी मौत नहीं होती.

परिजन विजय का भी कुछ इसी तरह का आरोप था. विजय ने बताया कि बोधगया के रूट इंस्टीट्यूट रोड निवासी रेखा देवी के बच्चे को पांच दिन पूर्व शिव शिशु अस्पताल में भरती कराया गया था. वहां उसकी स्थिति बिगड़ती चली गयी. गंभीर स्थिति में पटना रेफर कर दिया गया. इसके बाद वहां से भी दिल्ली रेफर कर दिया गया. पटना से सीधे दिल्ली जाना संभव नहीं था. पैसे की व्यवस्था करने घर आया, तभी स्थिति और गंभीर हो गयी. जब अस्पताल में लाया, तो भरती नहीं लिया गया और बच्चे की मौत हो गयी.

* बच्चे को शिव शिशु अस्पताल में भरती कराने के बाद एक्स-रे कराया गया. रिपोर्ट आने पर तत्काल रेफर नहीं कर तीन दिनों के बाद रेफर किया गया. इससे बच्चे की स्थिति ज्यादा बिगड़ गयी. जब बच्चे को दोबारा अस्पताल में लाया गया, तो डॉक्टरों ने इलाज करने से इनकार कर दिया. इस कारण बच्चे की मौत हो गयी.
विजय, मरीज के परिजन, रूट इंस्टीट्यूट रोड, बोधगया

* कोतवाली थाना क्षेत्र के मीर अबू सलेह रोड स्थित डॉ शिव वचन सिंह के शिव शिशु अस्पताल में मरीज के परिजनों द्वारा हंगामा करने की सूचना मिली. इसके बाद मैं वहां गया. एक नवजात की मौत को लेकर हंगामा हो रहा था. हालांकि, उस समय डॉ सिंह अस्पताल में मौजूद नहीं थे. मैंने परिजनों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन शांत नहीं हुए. इसके बाद उनकी डॉक्टर से बात करायी. नवजात की मौत के बारे में डॉक्टर ने वास्तविक जानकारी दी, तब परिजन शांत होकर घर लौट गये.
शशि भूषण सिंह, थानाध्यक्ष, कोतवाली

* पांच दिन पहले मेरे अस्पताल में नवजात को भरती किया गया था. एक्स-रे कराने के बाद पता चला कि उसे हर्निया व हर्ट की समस्या है. बाद में उसे पटना के शिशु रोग सजर्न डॉ अरुण कुमार के पास रेफर कर दिया गया. वहां से उसे दिल्ली रेफर कर दिया गया. लेकिन, बच्चे को दिल्ली के बजाय घर ले आया गया. स्थिति बिगड़ने पर पुन: मेरे अस्पताल में लाया गया. तब मैं अस्पताल में नहीं था. अस्पताल के स्टाफ ने बताया कि नवजात की मौत हो चुकी थी और परिजन ऑक्सीजन लगाने की जिद कर हंगामा करने लगे. इसकी सूचना एसएसपी को दी गयी, जिसके बाद कोतवाली पुलिस ने मामले को शांत कराया.
डॉ शिव वचन सिंह, शिव शिशु अस्पताल, गया

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