गया: मनरेगा व इंदिरा आवास योजना में अनियमितता बरतने और सरकारी रुपये के गबन के मामले को मगध के डीआइजी नैयर हसनैन खान ने सख्ती दिखायी. शुक्रवार को जनता दरबार में अतरी प्रखंड की सहोड़ा पंचायत की सरपंच रामपति देवी की शिकायत पर डीआइजी ने उक्त पंचायत के मुखिया अजय प्रसाद और तत्कालीन रोजगार सेवक (पीआरएस) संतोष भारद्वाज पर प्राथमिक दर्ज कर त्वरित कार्रवाई करने आदेश एएसपी अशोक कुमार सिंह को दिया. सरपंच ने डीआइजी को बताया कि वह करीब 18 माह से संघर्ष कर रही हैं. लेकिन, गरीबों के साथ अन्याय हो रहा है.
सहोड़ा पंचायत में मनरेगा व इंदिरा आवास योजना में अनियमितता बरतने और सरकारी रुपये का गबन करने की शिकायत वर्ष 2011 में जिले के सभी वरीय अधिकारियों से की गयी. लेकिन, माफियाओं ने इस मामले को दबवा दिया. इसके बाद 22 दिसंबर, 2011 को इसकी शिकायत राज्यपाल से की गयी. इस पर अधिकारी हरकत में आये. छह जनवरी को इस मामले की जांच करने का जिम्मा डीएम को दिया गया. डीएम के निर्देश पर मामले की जांच नीमचक बथानी के भूमि सुधार उपसमाहर्ता (एलआरडीसी) ओम प्रकाश महतो ने की. उन्होंने चार मई को इसकी रिपोर्ट वरीय अधिकारी को सौंप दी.
इसमें एलआरडीसी ने मुखिया व रोजगार द्वारा योजनाओं की राशि में पोस्टऑफिस व बिचौलियों की सांठगांठ से रुपये के गबन की पुष्टि करते हुए कठोर कार्रवाई की अनुशंसा की. इसके बावजूद अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी. इधर, डीआइजी ने बताया कि ऐसी योजनाओं में गड़बड़ी करनेवालों को बख्शा नहीं जायेगा. इस दौरान जनता दरबार में कई मामले आये. अधिकतर मामलों में डीआइजी ने संबंधित अधिकारी को त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया.