गया: नगर प्रखंड में 16 पंचायत हैं. यहां राज्य सरकार ने मनरेगा के तहत सभी पंचायतों में एक-एक तालाब बनाने का निर्देश दिया था. इसका काम जुलाई माह तक ही पूरा करना था. लेकिन, मजदूर नहीं मिलने के कारण 16 की जगह मई माह में पांच पंचायतों में ही तालाब की खुदाई शुरू हो सकी. कुछ दिनों के बाद मजदूर नहीं मिलने का बहाना बना कर मनरेगा के पदाधिकारी ने काम पर रोक लगा दी.
ज्ञातव्य है कि नगर प्रखंड के अंतर्गत केशरू धरमपुर, कुजाप, कुजापी, ओरमा व धनसीर पंचायतों में तालाब की खुदाई शुरू की गयी थी. हालांकि, निरीक्षण में इन सभी पंचायतों में 50 फीसदी भी काम पूरा नहीं पाया गया. ऐसे में कैसे जुलाई महीना भी समाप्ति पर है. इसमें काम पूरा होगा या नहीं, यह सोचने की बात है.
एक तालाब की खुदाई में 90 हजार से एक लाख रुपये खर्च होने हैं. इस योजना के तहत काम करनेवाले मजदूर कहते हैं कि जब वे काम मांगने जाते हैं, तो कहा जाता है कि अभी कोई काम नहीं है. जरूरत पड़ने पर बुलाया जायेगा. दूसरी तरफ, ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारी लोग आ कर बड़े-बड़े बातें बोल कर चले गये. कहां गये उनके वादे, अब तो बात सुनने को भी तैयार नहीं हैं. जानकारी के अनुसार, नगर प्रखंड के अमराहा, चाकंद, मदन बिगहा, रसलपुर, बारा, कोरमा, चुरी, कंडी, घुटिया, धनसीर, नैली व खिरियावां पंचायतों में अब तक तालाब की खुदाई शुरू नहीं हो सकी है.
कई दिनों से हड़ताल पर थे. इस कारण तालाब की खुदाई पर ध्यान नहीं दिया गया. इस संबंध में मैं बात नहीं करना चाहती हूं.
सरिता कुमारी, प्रोग्राम पदाधिकारी
कब, कहां और कैसे तालाबों की खुदाई हो रही है, मुङो इसकी कोई जानकारी नहीं है.
शंकरजी सिंह, बीडीओ