प्रशिक्षु नर्सों से लिया जा रहा काम स्वास्थ्य सेवा पर पड़ा आशिक असर संवाददाता, गयामगध मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्त नर्सें शुक्रवार को कार्य बहिष्कार व अस्पताल अधीक्षक के कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन किया. बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग द्वारा साक्षात्कार लिये जाने के बाद भी सेवा नियमित नहीं किये जाने का विरोध किया व सरकार के विरोध में नारे भी लगाये. इससे अस्पताल की चिकित्सा सेवा पर आंशिक असर देखा गया. हालांकि, वैकल्पिक व्यवस्था के तहत फिलहाल प्रशिक्षु नर्सों से काम लिया जा रहा है. पर, आगे भी हड़ताल जारी रहा तो, व्यापक असर पड़ने की आशंका है.उल्लेखनीय है कि अस्पताल में कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्त 181 नर्सें कार्यरत हैं, जबकि वेतनमान पर नियुक्त(नियमित) नर्सों की संख्या केवल 48 है. प्रशिक्षु नर्सों की संख्या लगभग 150 है. इनमें फर्स्ट इयर की प्रशिक्षु नर्सें भी शामिल हैं. ऐसे में सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि हड़ताल से चिकित्सा सेवा पर कितना असर हो सकता है? हालांकि, अस्पताल अधीक्षक डॉ सुधीर कुमार सिन्हा ने चिकित्सा सेवा पर कोई असर नहीं पड़ने का दावा किया है. साथ ही जल्द ही हड़ताल समाप्त हो जाने की उम्मीद जतायी है. उधर, गया जिला मेडिकल संविदा परिचारिका संघ की सचिव श्वेता कुमारी ने दावा किया है कि हड़ताल का चिकित्सा सेवा पर व्यापक असर पड़ा है. मांग पूरी नहीं होने तक हड़ताल जारी रहेगी.
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मगध मेडिकल में कॉन्ट्रैक्ट पर बहाल नर्स का कार्य बहिष्कार
प्रशिक्षु नर्सों से लिया जा रहा काम स्वास्थ्य सेवा पर पड़ा आशिक असर संवाददाता, गयामगध मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्त नर्सें शुक्रवार को कार्य बहिष्कार व अस्पताल अधीक्षक के कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन किया. बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग द्वारा साक्षात्कार लिये जाने के बाद भी सेवा नियमित नहीं किये जाने का […]
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