गया: अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ राधा प्रसाद ने कहा कि टीबी (यक्ष्मा) चिंता का विषय बन चुका है. इससे मुक्ति पाने के लिए ईमानदारी के साथ काम करने की जरूरत है. आरएनटीसीपी कार्यक्रम में लैब टेक्नीशियन्स की अहम भूमिका है.
अक्षय इंडिया परियोजना ग्लोबल राउंड-नौ टीबी कार्यक्रम के तहत वर्ड विजन इंडिया के सहयोग से आद्री इंडिया का क्षेत्रीय सहयोगी संस्था जन जागृति सेवा संस्थान (जेजेएसएस) द्वारा लैब टेक्नीशियन्स के अदृश्य कौशल (सॉफ्ट स्किल) क्षमता विकास के लिए सगुन गेस्ट हाउस में सोमवार से दो दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया. इसका उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में डॉ राधा प्रसाद ने किया.
कार्यक्रम को जिला यक्ष्मा केंद्र के अफ्तखार अहमद, सुरेश कुमार सिंह, विनय कुमार विपिन, आद्री इंडिया के जिला समन्वयक दीपक कुमार, स्टेट लेवल ट्रेनर नितेश कुमार, रजनी कुमारी, जेजेएसएस की सचिव रीता कुमारी आदि ने भी संबोधित किया. 13 प्राथमिक स्वास्थ्य स्वास्थ्य केंद्रों व गया सदर में कार्यरत नव चयनित 25 लैब टेक्नीशियन्सों को टीबी बीमारी के लक्षण, जांच, उपचार व निदान के साथ-साथ डॉट्स प्रणाली एवं टीबी संक्रमित व्यक्तियों से संवाद के दौरान ध्यान रखने की जानकारी दी गयी.