गया: बिहार बंद के दौरान शहर में स्थित विभिन्न सरकारी दफ्तरों में कामकाज आम दिनों की तरह सामान्य रहा. लोगों की आवाजाही कम दिखी. हालांकि, अधिकारी व कर्मचारी अपनी-अपनी जगह-जगह तैनात दिखे. कई दफ्तरों में अधिकारी के नहीं थे. इस संबंध में बताया गया कि उन्हें बंद के दौरान मजिस्ट्रेट डय़ूटी दी गयी है.
दूर-दराज से आने वाले खासकर वह कर्मचारी जो रेलमार्ग पर नहीं रहते, इनमें अधिकतर नहीं आ सके.लोगों की आवाजाही भले ही कम थी, लेकिन फाइलों को निबटाने में वे ज्यादा मशगुल दिखे. यूं सरकारी कार्यालयों के कामकाज बाधित न हो सके, इसके लिए उसके आसपास पुलिस तैनात की गयी थी.
80 लाख का नुकसान
बिहार बंद के दौरान मंगलवार को गया के व्यावसायिक व व्यापारिक मंडी पूरी तरह बंद थे. व्यवसायियों को भय था कि दुकान खोलने पर उनका नुकसान ज्यादा हो सकता है. बंद के कारण ग्राहक भी नहीं आयेंगे. व्यवसायी संजय भारद्वाज, गनौरी प्रसाद व अरुण अग्रवाल बताते हैं कि बंदी से उन पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
चूंकि ग्राहकों को पहले से पता था कि मंगलवार को बंद रहेगा. खुदरा व्यवसायी व आम लोग सोमवार को ही खरीदारी कर सामान ले गये. बचे ग्राहक कल खरीदारी करेंगे. बंद से तत्काल खराब होनेवाली चीजें सब्जी, फल व फुटपाथी दुकानदारों को ज्यादा नुकसान होता है. गया में सोमवार की रात दूसरे शहरों से सामान तो आ गये, मंगलवार को आवक नहीं हो पायी. सब्जी व फल विक्रेताओं ने भी सामान नहीं मंगवाये थे. अब जब ऑनलाइन सेवा हो गयी और दूरसंचार के साधन विकसित हो गये हैं, ऐसे में दुकानदारों का नुकसान काफी कम हुआ है. आम तौर पर देखें, तो व्यवसायियों को बंदी से करीब 80 लाख के नुकसान का अनुमान है.