गया: पिछले तीन महीनों में नगर निगम की गतिविधियों व नगर विकास मंत्री डॉ प्रेम कुमार के आदेश-निर्देशों पर गौर करें, तो एक बात साफ होती है कि मंत्री निगम के कामकाज से असंतुष्ट हैं. ऐसा वह खुद भी कह चुके हैं.
तीन महीनों में मंत्री ने निगम के कामकाज को ठीक करने के लिए कई निर्देश दिये. लेकिन, उनमें किसी का भी पालन होता नहीं दिख रहा. अब लोगों के बीच भी चर्चा होने लगी है कि कहीं मंत्री भी महज खानापूर्ति तो नहीं कर रहे. इन महीनों में मंत्री ने नालियों की सफाई, वेपर लाइट की मरम्मत, निगम के गायब दस्तावेजों के संबंध में एफआइआर के आदेश दिये. आइए डालते हैं उन पर एक नजर.
ठीक नहीं हुईं लाइटें
30 मार्च को निगम पदाधिकारियों के साथ बैठक में मंत्री ने शहर में खराब पड़ी वेपर लाइटों को मरम्मत कराने का निर्देश दिया था, लेकिन अब तक काम शुरू नहीं हुआ. शहर अब भी अंधेरे में ही है. जानकारी के अनुसार, अब तक इस पर कोई पहल नहीं हो सकी है.
अब तक एफआइआर नहीं
एक जून को अधिकारियों के साथ बैठक में मंत्री ने निगम के गायब दस्तावेजों के मामले में एफआइआर करने का आदेश जारी किया. समय था 48 घंटे. लेकिन, अब तक इस मामले में भी कुछ नहीं हुआ. 11 जून की बैठक में नगर आयुक्त ने बताया कि कागज खोजे जा रहे हैं.
सूत्रों की मानें, तो अधिकतर महत्वपूर्ण कागजात नहीं मिले हैं. तीन जून को मंत्री की बैठक में निगम के 11 इंजीनियर गायब थे. मंत्री ने इस पर भी नाराजगी जतायी. उन्होंने नगर आयुक्त को उनसे स्पष्टीकरण मांगने का आदेश दिया.
मंत्री के प्रवक्ता डॉ आरएस नागमणि से मिली जानकारी के अनुसार, नगर आयुक्त ने अब तक स्पष्टीकरण मामले में मंत्री को कोई जानकारी नहीं दी है. गुरुवार को निगम अधिकारियों के साथ प्रस्तावित बैठक में इस मामले में जवाब मांगा जायेगा.