गया:जिला प्रशासन व ऑटो रिक्शा संघ के संयुक्त प्रयास से देश-दुनिया के कोने-कोने से पितृपक्ष मेले में श्रद्धकर्म व पिंडदान करने आये तीर्थयात्रियों को बेहतर यातायात सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से प्रीपेड ऑटो सेवा पिछले साल से ही शुरू की गयी है. प्रीपेड ऑटो सेवा के तहत 120 से अधिक ऑटो निबंधित हैं. प्रतिदिन औसतन 600 ऑटो की बुकिंग होनी चाहिए थी. लेकिन, मेले के दौरान 11 दिनों में अब तक मात्र 602 ऑटो की ही बुकिंग हो पायी है. इससे साफ पता चलता है कि प्रीपेड ऑटो सेवा सफल नहीं हो पा रही है. ऑटो चालक संघ के अध्यक्ष मसउद मंजर ने मेले के दौरान निजी ऑटो चालकों (फ्री सर्विस) पर अंकुश लगाने की मांग की है. उन्होंने बताया कि तीर्थयात्री पंडाजी के माध्यम से गया पहुंचते हैं. पंडाजी प्रीपेड ऑटो सेवा के बजाय फ्री ऑटो सेवा लेना बेहतर समझते हैं. इससे निबंधित प्रीपेड ऑटो चालकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. भविष्य में भी यही स्थिति बनी रही, तो प्रीपेड ऑटो सेवा बंद हो जायेगी.
उल्लेखनीय है कि 2013 से ही पितृपक्ष मेले के दौरान गया जंकशन से मेले क्षेत्र के विभिन्न स्थानों तक प्रीपेड ऑटो सेवा चालू की गयी है. इसके लिए गया जंकशन पर शिविर भी लगाया जाता है, जिसका नाम ऑटो प्रीपेड सेवा संचालन शिविर है. लेकिन, शिविर में पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं होने के कारण तीर्थयात्रियों को आकर्षित करने में सफलता नहीं मिल पा रही है. ऐसा ही कुछ कमी इस बार भी देखा गया है. ध्वनि विस्तारक यंत्र (माइक) की सुविधा दो दिन पहले मुहैया करायी गयी है. हालांकि, माइक की सुविधा मिलने के बाद ऑटो की बुकिंग ज्यादा होने लगी है. शिविर के सदस्यों की मानें, तो मेले के उद्घाटन के साथ माइक की सुविधा मिल जाती, तो कम से कम छह हजार प्रीपेड ऑटो की बुकिंग होती. इस शिविर में 10 सदस्य अपनी सेवा दे रहे हैं.