गया: इसमें कोई शक नहीं है कि सोनी कुमारी एक सशक्त महिला हैं. निगम के दो वर्षो के कार्यकाल में उन्होंने कई बार इसे साबित भी किया. सदन में विपक्षियों को करारा जवाब देना हो या फिर स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में डिप्टी मेयर की कुरसी मेयर की कुरसी के बगल से हटा देना. ऐसे कई उदाहरण है, जो उन्हें मजबूत महिला के तौर दर्शाते रहे हैं.
कई बार बैठकों के दौरान लोगों ने उनके कड़े तेवर भी देखें, लेकिन अब वह सिर्फ पार्षद नहीं है, शहर की मेयर हैं. यह नयी और बड़ी जिम्मेदारी है. निगम राजनीति के महज दो साल के अनुभव के साथ ही उन्हें विपक्षियों के साथ सामंजस्य बैठाना होगा और शहर की व्यवस्था में भी सुधार करना होगा. शहर में सफाई व पेयजल मुख्य समस्याएं हैं. इनकीबेहतरी के लिए उन्हें काम करना होगा. साथ ही, नयी योजनाओं को वह किस तरह से पूरा कराने में सफल रहती हैं, यह भी देखने वाली बात होगी.
पहली बार में ही पायी थी सफलता : वर्ष 2012 में सोनी कुमारी ने पहली बार वार्ड संख्या आठ से पार्षद के लिए चुनाव लड़ा. सामने थी मनीषा श्रीवास्तव. मनीषा निगम राजनीति के धुरंधर माने जाने वाले अखौरी ओंकारनाथ उर्फ मोहन श्रीवास्तव की पत्नी हैं. उस वक्त लोग मनीषा की जीत तय मान रहे थे, लेकिन सोनी जीत गयी. कारण चाहे जो भी हो. इसके तुरंत बाद तत्कालीन मेयर विभा देवी ने उन्हें स्टैंडिंग कमेटी का सदस्य बना दिया. अब वह मेयर बन गयी हैं. दो वर्षो में इतनी तेजी से बढ़े सोनी के राजनीतिक ग्राफ के पीछे उनके परिवार का भी सहयोग मिलता रहा है.
निगम का नेतृत्व युवा हाथों में : नगर निगम का नेतृत्व अब बिल्कुल नये हाथों में है. कुछ दिन पहले ही डीएन रामचंद्र के रूप में नगर निगम को युवा आयुक्त मिला. अब मेयर पद भी युवा महिला सोनी कुमारी के हाथों में है. इन दिनों देश में युवा नेतृत्व और बड़े बदलाव की बात हो रही है. ऐसे में अब इन दोनों शीर्ष युवा नेतृत्वकर्ताओं से भी शहरवासियों को काफी उम्मीदें होंगी.
मानपुर के पार्षदों ने नयी मेयर को दी बधाई : नगर निगम की नयी मेयर चुने जाने पर सोनी कुमारी मानपुर के वार्ड पार्षदों ने बधाई दी है. इनसे मानपुर के लागों को चौमुखी विकास की उम्मीद है. बधाई देनेवालों में प्रमीला देवी पटवा, वीणा देवी, गुड़िया देवी व रामलखन चौधरी आदि शामिल हैं.