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गया : ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (ओटीए), गया से प्रशिक्षण लेकर पासआउट करने वाले सैन्य अधिकारियों के पासिंग आउट परेड समारोह में शनिवार की सुबह कैडेटों के समक्ष भारतीय थल सेनाध्यक्ष जनरल विक्रम सिंह ने कहा कि इंडियन आर्मी दुनिया में सबसे प्रोफेशनल व क्षमतावान है. इस सेना में ज्वाइन करने का मौका हर किसी को नहीं मिलता.
आप बड़े सौभाग्यशाली हैं कि भारतीय सेना में शामिल होकर यह गौरव प्राप्त प्राप्त किये हैं. उन्होंने सैन्य अधिकारियों व सैनिकों को नसीहत देते हुए कहा कि वे आधुनिक युद्ध पद्धति व तकनीक के साथ अपने को जोड़ें. देश की रक्षा, हित व सम्मान सबसे पहले है. भारतीय सेना की देश के बाहर भी संयुक्त राष्ट्र संघ में शांति बहाल करने के अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका रही है. इस परेड के साथ ही 37 और ऑफिसर्स देश की सैन्य सेवा से जुड़ गये.
समारोह में श्री सिंह ने गया ओटीए के अधिकारियों व प्रशिक्षण पा रहे अधिकारियों की सराहना करते हुए कहा कि कम समय में ओटीए का बेहतर प्रदर्शन रहा है. अभी तीसरा बैच पासिंग आउट कर रहा है. यहां की व्यवस्था संतोषजनक है. इससे पहले उन्होंने पासिंग आउट परेड की सलामी ली.
परेड कमांडर एकेडमी अंडर ऑफिसर भुवन चंद्र शर्मा के आग्रह पर जनरल विक्रम सिंह, ओटीए कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल जीएस विष्ट ने परेड कमांडेंट ने परेड का निरीक्षण किया. इसके बाद परेड व प्रशिक्षण के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करनेवाले को पांच सैन्य अधिकारियों एससीओ में राजेश शर्मा व टीइएस में कार्तिकेय रावत को स्वर्ण, एससीओ कैडेट भुवन चंद्रा व टीइएस में कुलदीप शर्मा को रजत व टीइएस कैडेट एम हरिहरण को कांस्य पदक से सम्मानित किया गया.
* गुरेज टीम दूसरी बार सम्मानित
गुरेज टीम को लगातार दूसरी बार 2013 का कमांडेंट बैनर देकर सम्मानित किया गया. इसके बाद प्रशिक्षण प्राप्त कर एसीओ-30 के 37 कैडेट्स भारतीय सेना में कमीशन लेकर लेफ्टिनेंट अफसर बने व टीइएस-27 के 91 कैडेट्स अपना बुनियादी सैन्य प्रशिक्षण पूरा कर विभिन्न सैन्य तकनीकी संस्थानों में इंजीनियरिंग की शिक्षा के लिए जायेंगे, उन्हें कसम परेड में शपथ दिलायी गयी.
सनातन धर्म के ब्राह्मण, मुसलिम के मौलवी, सिख धर्म के धर्मगुरु व ईसाई के पादरी ने उन्हें धर्म व ज्ञान का पाठ पढ़ाते हुए शपथ दिलायी. फिर पिपिंग सेरेमनी हुई, जिसमें कमीशन प्राप्त किये सभी 128 अधिकारियों के अभिभावकों ने उनके कंधे पर अफसर रैंक का बैज लगा कर माथे को चूमा. इनमें पांच कैडैट्स को आर्मी चीफ ने बैज लगाया. सैन्य अधिकारी का बैज लगना एक गौरव की बात होती है.
सभी नये अधिकारी इस दौरान अपने बिछुड़ने वाले साथियों, जिनके साथ एक साल रह कर प्रशिक्षण प्राप्त किया, उनके गले मिले. इस दौरान उनका गला रूंध गया. माता-पिता, पत्नी, बच्चे व दादा-दादी, भाई, भाभी से मिल कर खुशी के आंसू छलक पड़े.
* गया ओटीए सर्वोतम एकेडमी
आर्मी चीफ जनरल विक्रम सिंह ने पत्रकारों से कहा कि हमारी सेना में अधिकारी के रूप में कमीशन मिलता है. यह गौरव की बात है. यह देश की सर्वोत्तम सेवा है. एक सच्चे ईमानदार व देशभक्त बन कर देश की सेवा करने का जो अवसर मिला है, हमारे अधिकारी उसका सच्चे मन से निर्वहन करेंगे, यह मेरा विश्वास है. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना में अभी 10,800 सैन्य अधिकारियों की कमी हैं.
अब सिर्फ 37 अधिकारी देश की सैन्य सेवा में जा रहे हैं. देश की तीन ट्रेनिंग एकेडमी में गया ओटीए देश की सर्वोतम एकेडमी है. इसे और संसाधन युक्त करने की जरूरत है. फिलहाल देश में कोई अन्य ट्रेनिंग एकेडमी नहीं खुलने जा रही है. हमें गया की ओटीए को और फंड देकर व संसाधन से युक्त करना है.
संसाधन व फंड के रिलीज का काम सरकार के स्तर का है. कम समय में अपेक्षा से अधिक गया की ओटीए ने उपलब्धि हासिल की है. यह हमारे अधिकारियों की मेहनत व लगन का ही फल है.
* आधुनिक युद्ध पद्धति व तकनीक के साथ अपने को जोड़ें सैन्य अधिकारी व जवान
* ओटीए की तीसरी पासिंग आउट परेड में 128 नये अधिकारियों ने ली शपथ
* भारतीय सेना में अभी 10,800 सैन्य अधिकारियों की कमी
* देश की सैन्य सेवा से जुड़े 37 नये अधिकारी