गया : शहर के हाता गोदाम में नवरात्र को लेकर आकर्षक पंडाल बनाया जा रहा है. इस दफा काले संगमरमरनुमा पहाड़ी की आकृति वाले पंडाल में देवी दुर्गा की प्रतिमा स्थापित होगी. गया के कारीगरों द्वारा पंडाल का निर्माण किया जा रहा है. श्री दुर्गापूजा हाता गोदाम समिति के द्वारा पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है. समिति के अध्यक्ष भोला शंकर बताते हैं कि पंडाल में लाइटिंग की विशेष व्यवस्था की गयी है.
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काले संगमरमरनुमा पंडाल में स्थापित होंगी मां
गया : शहर के हाता गोदाम में नवरात्र को लेकर आकर्षक पंडाल बनाया जा रहा है. इस दफा काले संगमरमरनुमा पहाड़ी की आकृति वाले पंडाल में देवी दुर्गा की प्रतिमा स्थापित होगी. गया के कारीगरों द्वारा पंडाल का निर्माण किया जा रहा है. श्री दुर्गापूजा हाता गोदाम समिति के द्वारा पंडाल का निर्माण कराया जा […]
35 फुट ऊंचा पंडाल : उन्होंने बताया कि पंडाल 35 फुट ऊंचा होगा. पंडाल को पहाड़ की आकृति दी गयी है, जिसमें देवी की 11 फुट की प्रतिमा स्थापित की जायेगी. पंडाल के निर्माण में चार से पांच लाख रुपये खर्च होगा. उन्होंने बताया कि हर वर्ष यह कोशिश रहती है कि लोगों को कुछ नया देखने को मिले. इसलिए नवरात्र के पहले से ही पंडाल के लिए थीम की खोज शुरू कर दी जाती है. गौरतलब है कि श्री दुर्गापूजा हाता गोदाम समिति 50 वर्षों से यहां आयोजन करता आ रहा है.
बेहतर सुविधा का भरोसा : शारदीय नवरात्र को लेकर शहर में कई जगहों पर पूजा समितियां पंडाल का निर्माण करा रही हैं. पंडाल देखने आने वाले लोगों के लिए इन समितियों की तैयारियों पर उनसे बातचीत की गयी.
गयाधाम प्राचीन पितृतीर्थ : रामभद्राचार्य : गया. आजाद पार्क में श्री रामचरितमानस नवाहृ पारायण यज्ञ समिति के तत्वावधान में चल रहे कार्यक्रम में जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज ने कहा कि गयाधाम अत्यंत प्राचीन पितृतीर्थ है. वाल्मीकीय रामायण में इसका उल्लेख मिलता है. मेरे मत से यह भगवान श्रीराम के काल की रचना है. इसका समय एक करोड़ 50 लाख 85 हजार वर्ष पूर्व का है.
अतः गयाधाम की प्राचीनता समझी जा सकती है. उन्होंने कहा कि भागवत में काश्यप गोत्रीय ब्राह्मण के वंश में अवतरित भगवान बुद्ध के गयाधाम में अवतरण की बात कही गयी है. अतः मेरा दृढ़ विश्वास है कि उरुवेला में बहुत शीघ्र ही काश्यप बुद्ध तीर्थ निर्मित होगा. उन्होंने बुधवार की कथा को शिव विवाह से आरंभ कर भगवान श्रीराम के अवतरण तक की कथा को दशावतार के केंद्र में अभिव्यक्त किया.
उन्होंने कहा कि शिव विवाह के समय 10 अवतार ने भगवान शिव को अपनी शक्ति दी. मत्स्यावतार ने गुणमाहात्म्य शक्ति, कच्छपावतार ने रुपाशक्ति, वाराहावतार ने पूजा में लगन शक्ति, नरसिंहावतार ने स्मरण शक्ति, वामनावतार ने दास्याशक्ति, परशुरामावतार ने संख्य शक्ति, रामावतार ने वात्सल्य शक्ति, कृष्णावतार ने नित्यकांता शक्ति, बुद्धावतार ने आत्मनिवेदन शक्ति, कल्कि अवतार ने तन्मयताशक्ति और अवतारी साक्षात साकेतबिहारी श्रीराम ने रमविरहाशक्ति को प्रदान किया.
ऐसा ही विलक्षण कथाशक्ति के माध्यम से उन्होंने जय जय सुरनायक, भए प्रगट कृपाला आदि स्तुति में दशावतार का विनियोग किया. आज का पादपूजन समिति के अध्यक्ष शिव कैलाश डालमिया व उनकी पत्नी रेणु डालमिया ने किया. मंच का संचालन डॉ राधानंद सिंह ने किया.
समिति द्वारा पेयजल की व्यवस्था की गयी है. इसके अलावा भीड़ से निबटने के लिए 50 स्वयंसेवक हर जगह तैनात रहेंगे. सुरक्षा कर्मी भी पंडाल के ईद-गिर्द रहेंगे. महिलाओं व पुरुषों के लिए पंडाल में अलग-अलग व्यवस्था की गयी है.
राजेश कुमार, अध्यक्ष श्रीश्री दुर्गापूजा युवा समिति केदारनाथ मार्केट
पंडाल देखने दूर-दूर से लोग आते हैं. समिति द्वारा अलग-अलग जगहों पर पानी की व्यवस्था की गयी है. समिति के स्वयंसेवक भी अपनी सेवाएं देंगे. लोगों के बीच सप्तमी, अष्टमी व नवमी को प्रसाद का वितरण किया जायेगा.
भोला शंकर, अध्यक्ष, श्रीश्री दुर्गापूजा हाता गोदाम
लोगों की सुरक्षा को देखते हुए सीसीटीवी कैमरे लगाये जा रहे हैं. इसके अलावा फायर सेफ्टी अलार्म भी पंडाल में लगाये जायेंगे. 40 स्वयंसेवक पूरे आयोजन के दौरान अलग-अलग जगहों पर तैनात रहेंगे. इसके अलावा पानी व प्रसाद की व्यवस्था भी की गयी है.
गौतम कुमार रजक, अध्यक्ष सत्यकाम
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