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ग्लास टूटने पर चम्मच गर्म कर दाग देती थीं दीदी

गया : दीदी (नेहा गुप्ता) ग्लास टूटने पर चम्मच गर्म कर दाग देती थी. इतना ही नहीं किसी तरह की गलती होने पर दीदी बेल्ट व डंडे से पिटाई करती थीं. दिन भर घर का काम कराती थी. दवा मांगने पर भी मारती थीं. यह बातें कोतवाली थाने में पटना सिटी के रहनेवाले नौ वर्षीय […]

गया : दीदी (नेहा गुप्ता) ग्लास टूटने पर चम्मच गर्म कर दाग देती थी. इतना ही नहीं किसी तरह की गलती होने पर दीदी बेल्ट व डंडे से पिटाई करती थीं. दिन भर घर का काम कराती थी. दवा मांगने पर भी मारती थीं. यह बातें कोतवाली थाने में पटना सिटी के रहनेवाले नौ वर्षीय धीरज कुमार ने पत्रकारों से कहीं. नौ वर्षीय धीरज कोतवाली थानाक्षेत्र के फतेबहादुर शिवाला रोड के रहनेवाले स्वर्ण व्यवसायी बैजू प्रसाद की पतोहू नेहा गुप्ता के घर का काम करता था.

शिवाला रोड स्थित घर में स्वर्ण व्यवसायी की बहू, उसकी तीन वर्षीय बच्ची व काम करने के लिए धीरज के अलावा एक पालतू कुत्ता रहता है. मंगलवार को धीरज किसी काम से घर से निकला और अगल-बगल के लोगों को पिटाई की बात बतायी. उसके बाद यह सूचना डीएम, एसएसपी व चाइल्ड लाइन को मिली. कोतवाली थाना, चाइल्ड हेल्पलाइन, बाल कल्याण विभाग के अधिकारी व श्रम परिवर्तन पदाधिकारी के साथ मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में ताला तोड़ कर बच्चे को घर से निकाला गया. जिस वक्त बच्चे का रेस्क्यू किया गया.
उस वक्त बच्चा बहुत डरा हुआ था. सादे लिबास में पुलिस अधिकारियों के रहने के बाद भी बच्चा कुछ बताने को तैयार नहीं हुआ. रात में सिर्फ कहता रहा कि कुछ भी बताने पर उसे दीदी फिर से मारेंगी. बुधवार की सुबह जब उसे विश्वास हो गया कि वह अब दीदी के कैद से आजाद है, तो मुखर होकर अपना दर्द बयां किया.
यह कहना है थानाध्यक्ष का
कोतवाली थानाध्यक्ष संजय कुमार ने बताया कि मंगलवार की रात वरीय अधिकारियों के निर्देश पर फते बहादुर शिवाला रोड में नेहा गुप्ता के घर से एक नौ वर्षीय बच्चे को रिकवर कराया गया है. उन्होंने बताया कि सादे लिबास में पुलिस पदाधिकारी के साथ विभिन्न विभागों के अधिकारी व मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में बच्चे को घर से निकाला गया है.
बाल कल्याण पदाधिकारी के बयान पर नेहा गुप्ता पर सरकारी काम में बाधा डालने समेत कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया जा रहा है. बच्चे के रिकवर होने के बाद सुबह में मकान मालकिन कहीं चली गयी है. उन्होंने बताया कि बच्चे काे मेडिकल जांच के बाद चाइल्ड हेल्पलाइन को सौंप दिया गया है. इस मामले में जांच की जा रही है.
एक माह पहले लाया था बच्चे को
धीरज ने बताया कि एक माह पहले पटना सिटी स्थित मायके के पास से नेहा गुप्ता उसे लायी थीं. यहां आने के बाद उसके साथ हमेशा मारपीट की जाती रही. घर में कोई और नहीं होने के कारण शिकायत भी नहीं कर सकता था. दीदी ने साफ कह रखा था कि बाहर में किसी को कुछ बताया, तो और पिटाई की जायेगी. इस कारण वह कभी किसी को कुछ नहीं बताता था.
पुलिस की मदद से नेहा का कराया गया था प्रवेश
कुछ दिन पहले बैजू प्रसाद की पतोहू नेहा गुप्ता को पुलिस व मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में ही घर में प्रवेश दिलाया गया था. उस वक्त भी हाइ वोल्टेज ड्रामा कई दिनों तक चला था. नेहा गुप्ता अपने घर में प्रवेश से पहले ससुरालवाले को क्रूर व जालिम बता रही थी. उस वक्त दो दिनों तक घर के बाहर मायके के परिजनों के साथ धरने पर भी बैठी थी. बाद में वरीय पदाधिकारियों की पहल पर रात में मजिस्ट्रेट की तैनाती में घर का ताला काट कर प्रवेश दिलाया गया था.

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