गया/देवघर: देवघर के नगर थाने की बरमसिया-रिफ्यूजी कॉलोनी से अपहृत युवती को गया रेल थाने की पुलिस ने सोमवार को गया रेलवे स्टेशन से बरामद किया. रेल थाना प्रभारी अरविंद कुमार मिश्र सहित अन्य पुलिस पदाधिकारियों ने युवती से पूछताछ की. इसके बाद प्रभावती अस्पताल में उसका मेडिकल चेकअप कराया. श्री मिश्र ने बताया कि युवती के बरामद होने की जानकारी देवघर के नगर थाना पुलिस को दे दी गयी है.
गया में क्या हुआ
जानकारी के अनुसार, सोमवार की सुबह रेलवे स्टेशन पर गया-पटना लाइन से सटी पानी टंकी स्थित रेलवे कैंटीन के पास संदिग्ध अवस्था में एक युवती को देखा गया. लोगों ने शोर मचाया, तो वहां मौजूद कैंटीन के सुपरवाइजर अवधेश सिंह ने रेल थाना पुलिस को सूचना दी. युवती अर्ध बेहोशी की हालत में थी. मौके पर पहुंचीं रेल थाने की महिला सिपाहियों ने युवती से पूछताछ की. इधर, रेल थाना प्रभारी श्री मिश्र ने बताया कि युवती की पहचान देवघर के नगर थाने की बरमसिया-रिफ्यूजी कॉलोनी के गोवर्धन वर्णवाल की बेटी आरती वर्णवाल के रूप में की गयी है. युवती ने बताया है कि कुछ लोगों ने घर से उसका अपहरण कर लिया था. उसे बेहोश कर दिया गया था. जब होश आया, तो वह ट्रेन में एक सीट के नीचे थी. ट्रेन में काफी संख्या में कांवरिये थे. ट्रेन रुकी, तो वह अपहर्ताओं के चंगुल से भाग निकली. रेल थाना प्रभारी ने बताया कि युवती गया-किऊल पैसेंजर ट्रेन से उतरी थी.
देवघर संवाददाता के अनुसार, वर्ष 2013 में युवती ने देवघर के नगर थाने में देवघर के तत्कालीन जिला कल्याण पदाधिकारी (डीडब्ल्यूओ) अशोक प्रसाद व डीपीआरओ जवाहर कुमार के विरुद्ध नौकरी का झांसा देकर करीब दो वर्षो तक यौन शोषण करने की प्राथमिकी (कांड संख्या-150/13) दर्ज करायी थी. इस मामले में वर्तमान में आरोपित डीडब्ल्यूओ अशोक प्रसाद रिम्स (झारखंड) के कैदी वार्ड में बंद हैं और डीपीआरओ जवाहर कुमार देवघर स्थित मंडल कारा में बंद हैं. इस मामले में एक-दो दिनों के अंदर देवघर की अदालत में चार्ज फ्रेम होने वाला था. इसी बीच रविवार की देर रात युवती अपने घर से गायब हो गयी. इस मामले में युवती के पिता गोवर्धन प्रसाद ने नगर थाना पुलिस से सोमवार को अपनी बेटी के अपहरण से संबंधित एक शिकायत की है. उस आवेदन में पिता ने बताया है कि 27 जुलाई की रात करीब 12 बजे उनके परिवारवाले खाना खाकर सो गये. परिवारवालों की सुरक्षा में तैनात नगर थाने के हवलदार सहित अन्य पुलिसकर्मी भी वहां मौजूद थे. देर रात करीब तीन बजे उनकी छोटी बेटी अनु बाथरूम जाने के लिए उठी, तो उसकी बहन आरती अपने बेड पर नहीं थी. अनु ने शोर-गुल किया, तो परिवारवालों व पुलिसकर्मियों ने खोजबीन की. लेकिन, आरती नहीं मिली. छानबीन के दौरान उनके घर के कैंपस के पास चप्पल व कुछ लोगों के पैर के निशान मिले.
सरकारी वकील के कर्मचारी पर प्रलोभन व धमकी देने का आरोप शिकायत में आरती के पिता ने बताया है कि 25 जुलाई को एक सरकारी वकील का एक कर्मचारी उनके घर आया और उसने इस मामले में पांच लाख रुपये लेकर सुलह कर लेने का प्रलोभन दिया. साथ ही, उनकी बेटी की शादी आरोपित डीडब्ल्यूओ अशोक प्रसाद से कराने का भी लालच दिया. इस बात से इनकार करने पर कर्मचारी ने अंजाम बुरा होने की धमकी भी दी. इसके पहले डीडब्ल्यूओ अशोक प्रसाद के भाई, भाभी व डीपीआरओ जवाहर कुमार के बेटे ने भी इस मामले में सुलह करने की धमकी दी है. इसीलिए अपहरण की शंका उन्हीं लोगों पर है.