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गया : खतरनाक केमिकल छोड़िए, घर में ही तैयार कर सकते हैं मच्छर मारक दवाएं

नीरज कुमार, गया : जानकारों व विशेषज्ञों की माने, तो अन्य दिनों की तुलनामें गर्मी व बरसात के मौसम में मच्छरों की संख्या काफी बढ़ जाती है. इन मच्छरों से बचने के लिए शहर के आम लोग बाजारों में उपलब्ध विषाक्त रसायनयुक्त मच्छर मारक दवाओं का इस्तेमाल करते हैं. ऐसा करने सेउन्हें मच्छरों से तो […]

नीरज कुमार, गया : जानकारों व विशेषज्ञों की माने, तो अन्य दिनों की तुलनामें गर्मी व बरसात के मौसम में मच्छरों की संख्या काफी बढ़ जाती है. इन मच्छरों से बचने के लिए शहर के आम लोग बाजारों में उपलब्ध विषाक्त रसायनयुक्त मच्छर मारक दवाओं का इस्तेमाल करते हैं. ऐसा करने सेउन्हें मच्छरों से तो छुटकारा मिल जाता है, पर कई गंभीर व जानलेवा बीमारियों के शिकार भी हो जाते हैं.

बाजार में विभिन्न प्रकार की मच्छर मारक दवाएं उपलब्ध हैं. शोधकर्ताओं के अनुसार, इन मच्छर मारक दवाओं में विषाक्त रसायनों का मिश्रण होता है. इनसे बचने व स्वस्थ जीवन के लिए घरों में ही मच्छर मारक दवाएं आसानी से बनायी जा सकती हैं. घरों में बनाये जानेवाली मच्छर मारक दवाओं से स्वास्थ्य तो ठीक रहेगा. साथ ही बचत भी होगी़

वनस्पति विशेषज्ञों की माने तो कई ऐसे पौधे व उसके उत्पाद हैं, जो मच्छरों को मारने व भगाने में काफी ताकतवर होते हैं. नीम, कपूर, तुलसी व लहसुन सहित कई ऐसे वनस्पति व उसके उत्पाद हैं, जिनका उपयोग से मच्छरों को मारने व भगाने में आयुर्वेद विशेषज्ञ वर्षों से करते आ रहे हैं.
क्या कहते हैं चिकित्सक
मच्छरों को मारने व भगाने में पेड़ पौधे व अन्य वनस्पति वस्तुओं का ही उपयोग करना चाहिये. इससे किसी तरह का साइड इफेक्ट न तो मनुष्य पर पड़ता है और न ही वातावरण को नुकसान पहुंचता है. अलबत्ता वनस्पति वस्तुओं को जलाने अथवा उसके रस को छिड़कने से वातावरण में जो विषाक्त कीटाणु होते हैं.
वह भी खत्म हो जाते हैं. साथ ही स्वास्थ्य के लिए भी किसी तरह का हानिकारक नहीं होता है. केवल सांस संबंधी रोग से ग्रस्त रोगियों को लैवेंडर व इसके फूल के इस्तेमाल में सावधानी बरतने की जरूरत होती है.
डॉ अनूप कुमार आर्या, आयुर्वेद चिकित्सक
इन घरेलू उपायों को अपना सकते हैं
आयुर्वेद व वनस्पति विशेषज्ञ डॉ नंदलाल जिज्ञासु के अनुसार, नीम के पौधे व पत्ते मक्खी व मच्छरों को शरीर से दूर रखते हैं. 250 एमएल मिट्टी के तेल में 20 ग्राम नारियल का तेल, लगभग 30 बूंद नीम का तेल व एक ग्राम कपूर के द्वारा बनाये गये मिश्रण से लालटेन जलाने से मच्छर भाग जाते हैं. नींबू के आधे कटे भाग में लगभग एक दर्जन लौंग खोसकर बिस्तर के पास रखने से मच्छरों के प्रकोप से बचा जा सकता है. सरसों के तेल में अजवाइन के पाउडर को मिला कर कमरे के चारों कोनों में रखने से भी मच्छर भाग जाते हैं.
संतरे के सूखे छिलके को कोयले के साथ जला कर मच्छरों को भगाया जा सकता है. तुलसी के पत्ते के रस को शरीर पर लगा कर सोने से मच्छर नहीं काटेंगे. नारियल के तेल में लौंग का तेल मिला कर त्वचा पर लगाने से भी मच्छर पास नहीं आयेंगे. यदि कमरे में कपूर जला कर दरवाजा व खिड़कियों को 10 मिनट तक बंद कर दिया जाये, तो कमरे के सभी मच्छर भाग जायेंगे.
पुदीने के पत्तों के रस को कमरे में छिड़काव करने से मच्छर भाग जाते हैं. मच्छरों के प्रकोप से बचने के लिए इसके रस को भी शरीर पर लगाया जा सकता है. इसी तरह तुलसी के पत्ते का रस लगाने से मच्छर नहीं काटते हैं. इसी तरह लहसुन की तेज गंध मच्छरों को दूर रखती है. लहसुन के रस को शरीर पर लगाने या फिर कमरे में छिड़काव करने से मच्छर भाग जाते हैं. लेवेंडर के फूलों की खुशबू से भी मच्छर भाग जाते हैं.
समान मात्रा में नीम व नारियल के तेल के बने मिश्रण से दीये जलाकर मच्छरों को भगाया जा सकता है. मच्छर भगाने के उपयोग में आने वाली ये सभी वस्तुएं काफी सस्ती हैं. नीम व तुलसी का पौधा लगभग सभी मुहल्लों में मिल जाता है. इन पौधों के पत्तों के रस का इस्तेमाल कर आसानी से मच्छरों को भगाया जा सकता है. सरलता से मिलने वाले इन सामान की कीमत काफी कम होती है. सस्ता होने के कारण इन सामान का उपयोग कर बचत की जा सकती है.

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