गया: ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी(ओटीए) में आज चहल-पहल थी. पांचवीं पासिंग आउट परेड के समापन समारोह में सभी व्यस्त थे. परेड ग्राउंड का सिंह द्वार सुबह 6:05 बजे खुला और आर्मी धुन के साथ जम्मू व कश्मीर रेजिमेंट की बैंड पार्टी के आगे-आगे 125 जेंटलमैन कैडेट्स के जवान कदमताल करते हुए ग्राउंड में दाखिल हुए और कतारबद्ध आकर खड़े हो गये. तभी डिप्टी कमांडेंट सह मुख्य प्रशिक्षक मेजर जनरल एके सहगल मैदान में सलामी मंच पर दाखिल हुए और परेड की सलामी ली. फिर बग्गी पर सवार ओटीए के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल जीएस विष्ट सलामी मंच पर आये और परेड की सलामी ली.
इसके बाद ओटीए के कमांडेंट समारोह के मुख्य अतिथि सेना के पश्चिमी कमांड के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फिलिप कंबोज की आगवानी करने चले गये. मुख्य अतिथि भी बग्गी पर ही परेड ग्राउंड पहुंचे और मंच पर आकर सलामी ली. बड़ा ही खुशनुमा माहौल था. उपस्थित लोगों में देश सेवा व देश प्रेम की भावना भरी थी. सलामी मंच के दाहिने व बायें अतिथि, सेना के अधिकारी परिवार के साथ, जवान, पूर्व सैनिक व देश विभिन्न हिस्सों से आये 125 जेंटलमैन कैडेट्स के परिजन मौजूद थे. सेना के वरीय अधिकारियों ने परेड की सलामी ली और उसके बाद सेना के जवान ‘कदम-कदम बढ़ाये जा, खुशी के गीत गाये जा.., सारे जहां से अच्छा, हिंदोस्तां हमारा..’ की धुन पर मार्च पास्ट किया और मंच के सामने से गुजरे. इसके बाद बेहतर प्रदर्शन करने वाले कमीशंड प्राप्त 56 एससीओ व 69 टीइएस में पांच सैन्य अधिकारियों को स्वर्ण, रजत व कांस्य पदक से नवाजा गया. कमांडेंट बैनर तीथवाल कंपनी को सौंपा गया.
इसके बाद मुख्य अतिथि ने जेंटलमैन कैडेट्स को अपने संबोधन में शौर्य, ज्ञान व संकल्प का पाठ पढ़ाया. उन्होंने कहा ‘आपने कठिन परिस्थितियों में भी लगन, आत्मविश्वास व परिश्रम के बल पर यह मंजिल हासिल की है. आज आपके व ओटीए के लिए ऐतिहासिक दिन है. यहां से 56 प्रशिक्षु अधिकारी बन कर पास आउट हो रहे हैं. 69 कैडेट्स ट्रेनिंग पूरी कर सैन्य तकनीक संस्थान सिकंदराबाद, पुणो व मऊ के लिए आगे की तकनीकी पढ़ाई करने जायेंगे.’ लेफ्टिनेंट जनरल फिलिप कंबोज कहा कि सेना में हर क्षण, हर जगह चुनौती से भरा होता है. हमें चुनौतियों का हमेशा सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए. आगे का राह आसान नहीं है, पर उन्हें विश्वास है कि उनके जेंटलमैन कैडेट्स पीछे मुड़ कर नहीं देखेंगे. देश पर जब भी संकट आयेगा, तो प्राण की बाजी लगा देंगे. हमें दुश्मनों पर कड़ी नजर रखनी है. अपनी प्यारी धरती मां की तन-मन से रक्षा करना है. अंत में उन्होंने कैडेट्स को आशीर्वचन देते हुए बधाई दी.
पिपिंग सेरेमनी में मिले नये सैन्य अधिकारियों को बैच
इसके बाद दूसरे ग्राउंड पर शुरू हुआ पिपिंग सेरेमनी. यह पल बड़ा ही मार्मिक था. पास आउट हो रहे 56 कैडेट्स अपने परिवार के साथ बैठे थे. वरीय सैन्य अधिकारियों के दाखिल होने के साथ बैंड ने आर्मी की धुन बजाया. फिर राष्ट्रीय ध्वज को मैदान पर सम्मान के साथ लाया गया. सभी खड़े होकर तिरंगे व राष्ट्रीय गीत का सम्मान किया. फिर पास आउट हो रहे कैडेट्स के कंधे पर लेफ्टिनेंट के बैज को उनके माता-पिता, पत्नी व अधिकारियों ने लगाया. इसी के साथ फिर उन्हें शपथ दिलायी गयी. चारों धर्म के पुजारी अपने धर्मग्रंथों के साथ उन्हें शपथ दिला रहे थे. कैडेट्स ने देश पर मर मिटने की कसमें खायीं. इसीके साथ एक साथ साल भर तक ट्रेनिंग करने के बाद कैटेड्सों की देश के अलग-अलग स्थानों पर पोस्टिंग कर दी गयी. साथियों से बिछुड़ने का गम भी उनके साथ था. आतिशबाजी के बीच कैडेट्स ऐसे गले मिले, जैसे शायद फिर कभी न मिलेंगे, जिसे देख सभी की आंखें भर आयीं. इसी के साथ पासिंग आउट परेड का समापन. इससे पहले सैन्य अधिकारी एससीओ के एक-एक गाजिर्यन से मिले, उन्हें मेडल पहनाया व हाल जाना. ओटीए के कमांडेंट जीएस विष्ट के आगे-आगे उनकी पत्नी भी प्रशिक्षु अधिकारियों के परिजनों से मिल रही थीं.