गया : घर से निकाल कर कचरा सड़क किनारे फेंक देना शहर में आम बात है. शहर में कई जगहों पर लोगों ने कचरे का ढेर लगाने का विरोध किया है. कुछ जगहों पर लोगों ने कचरा जमा करने पर पूरी तरह से रोक भी लगा दी है. निगम के कर्मचारी इन मुहल्लों में अब घरों से कचरा कलेक्शन कर ले जाते हैं. कुछ जगहों पर निगम के कर्मचारी लापरवाही बरत रहे हैं.
इसके कारण लोगों को परेशानी हो रही है. बताया जाता है कि मुहल्ले में कचरा फेंकना बंद है और अब निगम के कर्मचारी भी नहीं पहुंचते हैं, तो कचरा लोगों के घरों में ही जमा रह जाता है. वैसे न्यू एरिया, बेल्दारी टोला, शहमीर तक्या पहाड़ी पर, चंदौती मोड़ आदि में सड़क किनारे कचरा जमा करने पर स्थानीय लोगों ने रोक लगा दी है. पहले जहां कचरे का अंबार लगा रहता था, वहां अब जगह साफ-सुथरा दिखने लगा है.
नगर निगम से भी लोगों को जागरूक करने के लिए छठ पूजा के बाद अभियान चलाया जाना तय है. इसके तहत चार चरणों में कार्यक्रम आयोजित किया जाना है. पहले चरण में वार्डों में घर-घर जाकर लोगों से आसपास साफ-सुथरा रखने की अपील, दूसरे चरण में वार्ड स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करना, तीसरे चरण में सेक्टर स्तर (तीन चार वार्ड को मिला कर)पर कार्यक्रम व चौथे चरण में निगम स्तर पर कार्यक्रम किया जाना है.
लोगों के सहयोग के बिना संभव नहीं : वार्ड में देखा जा रहा है कि जब निगम के कर्मचारी कचरा कलेक्शन करने पहुंचते हैं, तो कम ही लोग कचरा देते हैं. निगम कर्मचारी के जाने के बाद कचरे को लोग सड़क किनारे ही फेंक देते हैं. इसके कारण जैविक खाद बनाने का काम भी बहुत हद तक सफल नहीं हो पा रहा है.
घरों में कचरा जमा करने के लिए नगर निगम ने पहले ही लोगों को अलग-अलग डस्टबीन दिया है. कई घरों में डस्टबीन का उपयोग अन्य काम के लिए किया जा रहा है. जैविक खाद बनाने का काम घरों से निकलने वाले गिला कचरा से ही किया जाना है. निगम ने विकास शाखा कार्यालय में जैविक खाद बनाने की किट तैयार की है. कुछ जगहों से निकलने वाले कचरे से खाद भी तैयार किया जा रहा है.
संसाधनों व कर्मचारियों की नहीं है कमी
नगर निगम में संसाधन व कर्मचारियों की कमी नहीं है. सिर्फ ढंग से मॉनीटरिंग की जरूरत है. बेहतर काम के लिए सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी नयी टीम को सौंपी गयी है. नयी टीम की जिम्मेदारी संभालते ही व्यवस्था में थोड़ा सुधार दिखने लगा है. ऐसे भी वार्डों में सफाई की कमान अब तक पार्षद ही ‘अघोषित तौर’ पर संभालते रहे हैं. सुबह हर वार्ड में पार्षद या प्रतिनिधि को सफाई के लिए विभिन्न मुहल्लों में कर्मचारियों को ड्यूटी बांटते नजर आ जायेंगे.
निगम से ड्यूटी बांटने के लिए हर वार्ड में जमादार बहाल है. कई मुहल्लों से पार्षद द्वारा सफाई को लेकर पक्षपात की शिकायत भी सामने आती रहती है. कई वार्डों में लेबर बहाली के नाम पर पैसा वसूली की बात भी सामने आ चुकी है.
पार्षद व कर्मचारी सुनते नहीं, कचरा कहां लेकर जाएं ?
शहमीर तक्या पहाड़ी पर मुहल्ले के लोगों का कहना है कि मुहल्ले में कचरा एक जगह जमा होता था. लेकिन, लोगों ने वहां सफाई की और कचरा जमा करना बंद कर दिया है. समस्या खड़ी हो गयी है कि घरों से निकलनेवाले कचरे को कहां लेकर जाएं. लोगों ने बताया कि पहले यहां निगम के सफाई कर्मचारी आते थे, लेकिन वार्ड नंबर 41 के पार्षद प्रतिनिधि शशि किशोर शिशु ने कचरा कलेक्शन करने से मना कर दिया.
इसके बाद कर्मचारियों ने यहां आना बंद कर दिया. डस्टबीन भी मुहल्ले के लोगों को बहुत मुश्किल से मिला है. लोगों ने बताया कि निगम कर्मचारी व अधिकारी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कोई कदम नहीं उठाया, तो आंदोलन भी किया जा सकता है. सबसे पहले अधिकारियों से मुलाकात कर सारी जानकारी दी जायेगी.