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डीएम की सख्ती से सुधर रही प्रभावती अस्पताल की सेहत
गया : दो महीने के बाद प्रभावती अस्पताल की सेहत में अब सुधार दिखने लगा है. जुलाई की प्रोग्रेस रिपोर्ट में मई की तुलना में बहुत सी चीजें बेहतर दिख रही हैं. मई में अस्पताल के ओपीडी में कुल 3081 मरीजों का रजिस्ट्रेशन हुआ था, जो जुलाई में बढ़ कर 3623 हो गया. प्रसव की […]
गया : दो महीने के बाद प्रभावती अस्पताल की सेहत में अब सुधार दिखने लगा है. जुलाई की प्रोग्रेस रिपोर्ट में मई की तुलना में बहुत सी चीजें बेहतर दिख रही हैं. मई में अस्पताल के ओपीडी में कुल 3081 मरीजों का रजिस्ट्रेशन हुआ था, जो जुलाई में बढ़ कर 3623 हो गया. प्रसव की भी संख्या बढ़ कर 78 से 104 हो गयी है. अस्पताल ने मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर को भी बेहतर करने का प्रयास किया है. जून में जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर आपत्ति जतायी थी.
इसके बाद से उन्हें भी ठीक किया गया. ओटी में नये एसी के साथ-साथ खराब पड़े पल्स मीटर को भी ठीक करा लिया गया है. इसके अलावा सफाई व्यवस्था को भी बेहतर करने के लिए नयी एजेंसी को काम दिया गया है. गौरतलब है कि अस्पताल की खराब व्यवस्था से नाराज जिलाधिकारी ने सभी अस्पतालकर्मियों के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी है. उन्होंने सभी को तीन महीने के भीतर व्यवस्था को बेहतर करने का अल्टीमेटम दिया है.
चिकित्सकों की संख्या बढ़ी अस्पताल में मरीजों के नहीं आने का जो सबसे बड़ा कारण है, वह है यहां चिकित्सकों की कमी. खास कर महिला चिकित्सकों की कमी. महिलाओं के लिए एक मात्र अस्पताल केवल एक महिला डाॅक्टर शंकुतला नाग के भरोसे चल रहा था. अब यहां एक और डाॅक्टर सुषमा वर्मा की पोस्टिंग की गयी है.
अस्पताल में अब दो महिला डाॅक्टर हो गयी हैं. इसकी वजह से मरीजों की संख्या भी बढ़ गयी है. अस्पताल में अब कुल छह डाॅक्टर हैं. डाॅ शंकुतला नाग, डाॅ सुषमा वर्मा, डाॅ अमानुल्लाह, डाॅ आलोक कुमार, डाॅ राम अजय कुमा व डाॅ एसके चौधरी. एनेसथेटिक की वजह से सिजेरियन प्रसव नहीं हो पा रहा था. बीते माह एनेसथेटिक डाॅ राम नरेंद्र प्रसाद के साथ आॅन काॅल एग्रीमेंट करने के बाद सिजेरियन प्रसव भी शुरू हो गया है.
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