गुरुद्वारा रोड व गोल बगीचा में गंदे पानी की सप्लाइ
गया : यह कैसी व्यवस्था है. जिन लोगों ने इस वादे के साथ नगर पार्षद का चुनाव लड़ा था कि वह अपने क्षेत्र की जनता को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करायेंगे, जीतने के बाद ऐसे लोग आज हर सुख-सुविधाएं भोग रहे हैं. लेकिन, जिन लोगों से उन्होंने वादा किया था, वह आज भी बदहाली में जी रहे हैं.
गुरुद्वारा रोड व गोल बगीचा इलाके में 10 दिन से लोग गंदा पानी पी रहे हैं. इन इलाकों में सप्लाइ किया जाने वाले पानी पूरी तरह से दूषित है. कई जगहों पर पानी का पाइप क्षतिग्रस्त हो चुका है. नाली के बीच या पास से गुजरने की वजह से गंदगी पाइप में घुस जाता है. इससे पानी गंदा आता है और उसमें दरुगध आती है. वैसे, यह समस्या नयी नहीं है. इससे पहले भी इस इलाके में यह समस्या सुनने को मिली थी.
नेताजी व साहब पीते हैं मिनरल वाटर : एक ओर शहर के लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं, तो दूसरी ओर नगर निगम के साहब (पार्षद व अधिकारी) मिनरल वाटर पीते हैं. घर हो या ऑफिस, इनके लिए शुद्ध पानी का ही इंतजाम होता है. निगम की बैठकों में मिनरल वाटर पर ही हजारों रुपये खर्च हो जाते हैं. सवाल वहीं है, आखिर जनता ही क्यों दूषित पानी पीये ? चुनाव के के दौरान किये गये वादों को क्यों भूल जाते हैं पार्षद? दूषित पानी से हो रही बीमारी का आखिर जिम्मेदार कौन है?