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प्रभावती अस्पताल में बिजली नहीं रहने से मरीजों का रजिस्ट्रेशन रुका

सुबह में रजिस्ट्रेशन नहीं होने पर कई मरीज डॉक्टर को बिना दिखाये अपने घर लौटे मरीजों की शिकायत के एक घंटे बाद किया गया मैनुअल रजिस्ट्रेशन फिलहाल एसएनसीयू के सरकारी जेनेरेटर के भरोसे की गयी है व्यवस्था गया : प्रभावती अस्पताल में एक बार फिर से जेनेरेटर सर्विस को बंद कर दिया गया है. बकाया […]

सुबह में रजिस्ट्रेशन नहीं होने पर कई मरीज डॉक्टर को बिना दिखाये अपने घर लौटे

मरीजों की शिकायत के एक घंटे बाद किया गया मैनुअल रजिस्ट्रेशन
फिलहाल एसएनसीयू के सरकारी जेनेरेटर के भरोसे की गयी है व्यवस्था
गया : प्रभावती अस्पताल में एक बार फिर से जेनेरेटर सर्विस को बंद कर दिया गया है. बकाया भुगतान नहीं होने पर आउटसोर्सिंग एजेंसी ने शुक्रवार को यह कदम उठाया. जेनेरेटर सर्विस बंद होने का सबसे बड़ा प्रभाव यह पड़ा कि सुबह में बिजली भी नहीं रहने से कई मरीजों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका, क्योंकि अस्पताल में कंप्यूटर के माध्यम से ही आॅनलाइन रजिस्ट्रेशन किया जाता है. काफी इंतजार करने के बाद कई मरीज तो घर लौट गये, वहीं कुछ मरीजों की शिकायत के बाद अस्पताल प्रबंधन हरकत में अाया और करीब एक घंटा बाद मैनुअल तरीके से रजिस्ट्रेशन करने का निर्देश जारी किया.
इधर, जेनेरेटर सर्विस के बंद हो जाने की वजह से अस्पताल में दूसरे काम भी प्रभावित हैं. फिलहाल अस्पताल प्रबंधन ने कैंपस में ही बने सिक न्यू बॉर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) के जेनेरेटर से लाइन जोड़ा है. चूंकि यह जेनेरेटर सरकारी है, इसलिए इसका प्रयोग हो पा रहा है. लेकिन, अस्पताल के पास सुचारु रूप से बिजली के लिए अब तक कोई ठोस वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है.
प्रबंधन को कराया गया था अवगत : इधर, आउटसोर्सिंग एजेंसी के प्रोपराइटर रणविजय सिंह का कहना है कि पिछले चार महीनों से डीजल का भुगतान नहीं हो सका है. फरवरी के भुगतान के लिए कोषागार से सभी प्रक्रियाएं हो जाने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने भुगतान नहीं किया. श्री सिंह ने कहा कि भुगतान नहीं होने के कारण कर्मचारियों का वेतन रुक गया है. दूसरा जिस पेट्रोल पंप से एजेंसी डीजल खरीद रही है, वहां भी बकाया होने से तेल नहीं मिल पा रहा है.
श्री सिंह ने कहा कि इन सभी स्थितियों से अस्पताल प्रबंधन को पहले ही अवगत करा दिया गया था. उन्होंने बताया कि बोधगया सीएचसी, खिजरसराय सीएचसी, फतेहपुर सीएचसी, जय प्रकाश नारायण अस्पताल व चेरकी एपीएचसी में भी यही स्थिति है. यहां भी कई महीनों से भुगतान बकाया है. इन अस्पतालों के जेनेरेटर में जब तक डीजल है काम चल रहा है,
डीजल खत्म होने के बाद यहां भी सेवा बंद हो जायेगी.
अस्पताल के पास कोई विकल्प नहीं : इधर, जेनेरेटर सर्विस के बंद हो जाने के बाद अस्पताल प्रबंधन की ओर से कोई वैकल्पिक इंतजाम नहीं किया जा सका है. प्रबंधन के अधिकारियों के मुताबिक इस समस्या को लेकर सभी शीर्ष पदाधिकारियों को जानकारी भेज दी गयी है. अब तक कोई निर्देश नहीं मिल सका है. अभी अस्पताल के पास सिक न्यू बॉर्न केयर यूनिट के जेनेरेटर का ही भरोसा है. यहीं से कनेक्शन लेकर कैंपस में कुछ जगहों पर रोशनी के इंतजाम किये जा रहे हैं. जेनेरेटर को लेकर यह विवाद बहुत दिनों से चला आ रहा है. इससे पहले भी भुगतान नहीं होन पर एजेंसी ने काम बंद कर दिया था.
एसएनसीयू में कई घंटे बंद रहा जेनेरेटर : जिस सिक न्यू बाॅर्न केयर यूनिट के सरकारी जेनेरेटर पर अस्पताल प्रबंधन भरोसा कर रहा है, वह खुद मुश्किल में है. दरअसल प्रभावती अस्पताल में जो प्रभारी अधीक्षक हैं, उन्हें वित्तीय अधिकार नहीं है. ऐसे में वह कोई भी खरीद नहीं कर सकते हैं. यही समस्या है. गुरुवार की रात आंधी-तूफान के बाद शहर के अधिकतर इलाकों में बिजली गुल हो गयी. एसएनसीयू का जेनरेटर चलता रहा और रात दो बजे डीजल खत्म होने के बाद यह भी बंद हो गया. इससे एसएनसीयू की भी बिजली चली गयी.
मरीजों की पीड़ा
11 बजे अस्पताल पहुंची हूं. यहां आने पर पता चला कि रजिस्ट्रेशन बंद है. कारण था बिजली का नहीं होना. लगभग एक घंटे के बाद बिजली आयी, तो रजिस्ट्रेशन हुआ.
सोनम कुमारी, बेलागंज
बिजली नहीं है, तो अस्पताल को इंतजाम करना चाहिए. हम दूर से आते हैं और यहां आकर पता चलता है कि रजिस्ट्रेशन बंद है, तो परेशान होना ही पड़ता है.
पूनम कुमारी, डेल्हा

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