प्रशासनिक व्यवस्था के साथ ही स्टूडेंट्स की सुविधा व स्वच्छता पर दिया गया जोर
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शैक्षिक नवाचार व गुणवत्तापूर्ण शिक्षण की दिखायी प्रतिबद्धता
प्रशासनिक व्यवस्था के साथ ही स्टूडेंट्स की सुविधा व स्वच्छता पर दिया गया जोर बोधगया : मगध विश्वविद्यालय के प्रभाजन के बाद एमयू के अंगीभूत काॅलेजों के प्राचार्यों/प्रभारी प्राचार्यों की कुलपति प्रो कमर अहसन के साथ शुक्रवार को पहली बैठक हुई. कुलपति के आवासीय कार्यालय में आहूत बैठक में बिंदुवार 12 बिंदुओं पर चर्चा की […]
बोधगया : मगध विश्वविद्यालय के प्रभाजन के बाद एमयू के अंगीभूत काॅलेजों के प्राचार्यों/प्रभारी प्राचार्यों की कुलपति प्रो कमर अहसन के साथ शुक्रवार को पहली बैठक हुई. कुलपति के आवासीय कार्यालय में आहूत बैठक में बिंदुवार 12 बिंदुओं पर चर्चा की गयी. इनमें मुख्य रूप से कॉलेज परिसर में मुख्यमंत्री सात निश्चय कार्यक्रम के अंतर्गत वाई-फाई सुविधाओं की उपलब्धता व उनके विस्तार को निर्धारित समय सीमा में पूरा किये जाने की प्रतिबद्धता रेखांकित किया गया. इन सुविधाओं के माध्यम से कॉलेजों के एकेडमिक परिदृश्य में परिवर्तित किये जाने के कुलपति के आह्वान को सभी प्राचार्यों ने समर्थन किया.
राज्यपाल सह कुलाधिपति के निर्देश पर कॉलेजों में बायोमीटरीक उपस्थिति की सुविधा को उपलब्ध कराये जाने की समीक्षा की गयी व निर्णय किया गया कि इस व्यवस्था को जल्द ही सभी कॉलेजों में लागू कर दिया जाये. कॉलेजों को निर्देशित किया गया कि वे अपने स्तर पर खेेलकूद का वार्षिक कैलेंडर घोषित करेंगे ताकि कॉलेज स्तर पर आयोजित होने वाली अंतर महाविद्यालय प्रतियोगिताओं में संबंधित कॉलेजों के छात्र-छात्राओं की भागीदारी सुनिश्चित हो सके. इसी तरह राष्ट्रीय सेवा योजना(एनएसएस) व व्यक्तित्व उन्नयन की अन्य योजनाओं में भी सक्रिय भागीदारी बढ़ाने के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित किया गया. बरसात के शुरू होते ही पौधारोपण को युद्ध स्तर पर किये जाने के विषय में भी सभी प्राचार्यों ने इच्छा जताया. बैठक में एकलव्य कार्यक्रम को पूरी अभिरुचि व सक्रियता के साथ आयोजित किये जाने पर सहमति बनी. शासकीय योजना के अंतर्गत सभी कॉलेजों में शौचालयों, छात्राओं के लिए कॉमन रूम स्वच्छ पेयजल व स्वच्छ भारत अभियान मानकों की संप्राप्ति के लिए सभी प्राचार्यों ने एकजुट होकर कार्य करने के लिए अपने निश्चय से अवगत कराया.
75 प्रतिशत हो विद्यार्थियों की उपस्थिति
कुलपति ने काॅलेजों में छात्र-छात्राओं की 75 प्रतिशत उपस्थिति को सुनिश्चित कराने के लिए कारगर कदम उठाने का आह्वान किया. उन्होंने प्रेरणा दी कि नियमित शिक्षण को सर्वोपरि प्राथमिकता दी जानी चाहिए. छात्रों की अद्यतन सूचनाएं उपलब्ध कराने के लिए पुस्तकालयों को समृद्ध किया जाना चाहिए व पुस्तकालय ऑटोमेशन के कार्य को तेज किये जाने पर बल दिया गया. वीसी ने प्राचार्यों को बताया कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्थापित मानकों को प्राप्त करने के लिए नैक एक्रिडेशन की प्रक्रिया पर बल देना अनिवार्य है, जिसके लिए इससे बचे हुए 12 कॉलेजों को प्रयास करने की आवश्यकता है. प्राचार्यों की बैठक में कुलपति ने कॉलेज प्रशासन को पारदर्शी, संवेदनशील व जिम्मेदार बनाने की आवश्यकता को आज की जरूरत बताते हुए कहा कि शिकायत कोषांगों के गठन जरूरी है. इसके माध्यम से छात्रों , शिक्षकेतर कर्मचारियों व शिक्षकों की शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए कोषांगों की नियमित बैठक भी जरूरी है. इस दौरान विभागीय खरीद के सिलसिले में भारत सरकार के ई-मार्केटिंग पोर्टल GeM के माध्यम से सारी खरीद किये जाने पर बल दिया गया ताकि सरकारी धन के माध्यम से की जानी वाली खरीद में गुणवत्ता व पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके. कुलपति ने सभी प्राचार्यों को निर्देशित किया कि विद्यार्थियों के निबंधन(रजिस्ट्रेशन) की प्रक्रिया को निश्चित समय-सीमा में पूरा किया जाना अनिवार्य है. कुलपति के आवासीय कार्यालय में बैठक संपन्न हुई. अब शनिवार को एमयू के संबद्ध कॉलेजों के प्राचार्यों की बैठक मगध विश्वविद्यालय कैंपस में सुबह 11 बजे से होगी.
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