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कभी भी जमींदोज हो सकता है रोहतास उद्योग समूह का कुली क्वार्टर, दहशत
डेहरी : रोहतास उद्योग समूह द्वारा वर्ष 1950 के आसपास स्टेशन रोड डालमियानगर में कुलियों के लिए बनाया गया करीब 50 क्वार्टरों वाला कुली कॉलनी आज जमींदोज होने के कगार पर है. क्वार्टरों में रहनेवाले लोगों का जीवन जोखिम से भरा है. बावजूद इसके न तो उस में रह रहे लोग उन जर्जर क्वार्टरों को […]
डेहरी : रोहतास उद्योग समूह द्वारा वर्ष 1950 के आसपास स्टेशन रोड डालमियानगर में कुलियों के लिए बनाया गया करीब 50 क्वार्टरों वाला कुली कॉलनी आज जमींदोज होने के कगार पर है. क्वार्टरों में रहनेवाले लोगों का जीवन जोखिम से भरा है. बावजूद इसके न तो उस में रह रहे लोग उन जर्जर क्वार्टरों को खाली कर रहे हैं, नहीं प्रशासन द्वारा उसे खाली कराया जा रहा है.
ऐसी स्थिति में भविष्य में उक्त जर्जर क्वार्टरों के गिरने से घटित होने वाली किसी बड़ी दुर्घटना की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता. इस संबंध में जहां क्वार्टर में रहनेवाले लोग अपने पास कोई दूसरा आशियाना नहीं होने का राग अलाप रहे हैं, वहीं आसपास रहने वाले लोगों का यह कहना कि स्थानीय प्रशासन को जर्जर भवन की जांच करा कर उस में रह रहे लोगों को विश्वास में लेकर इसे खाली करा देना जनहित में होगा.
नाले में जमा पानी बना खतरनाक : लोग यह भी कहते हैं कि 50 कुली क्वार्टरों वाले उक्त कॉलनी के उत्तरी हिस्से में बहने वाले मुख्य नाले में जमा पानी कॉलनी के लिए खतरनाक बना हुआ है. मुख्य नाले के जाम रहने व उसके पानी के निकास की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण नाले में जमा पानी कॉलोनी के क्वार्टरों में भर गया है. यही नहीं पानी के जमाव से क्वार्टरों की नींव काफी कमजोर हो गयी है, जिससे कभी और किसी समय जर्जर क्वार्टर के गिरने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता. बताते हैं कि कंपनी द्वारा 50 के दशक में बसाया गया उक्त कॉलनी में 80 के दशक में उद्योग समूह के कई कर्मियों को कंपनी प्रशासन द्वारा क्वार्टर आवंटित किया गया था. कंपनी के बंद होने के बाद उक्त क्वार्टरों में अवैध ढंग से अधिकतर लोग रहने लगे. उक्त क्वार्टरों का किराया कंपनी द्वारा निर्धारित किया गया है.क्वार्टरों में रह रहे कुछ लोग ही कंपनी के स्थानीय कार्यालय में किराया जमा कराते हैं. अधिकतर लोग किराया नहीं देते.करीब एक एकड़ भूमि पर बसे उक्त कॉलनी डेहरी रेलवे स्टेशन के सटे उत्तरी हिस्से में स्थित है.
क्या कहते हैं अधिकारी
कंपनी के क्वार्टरों में रहनेवाले लोगों को अपने क्वार्टरों की मरम्मत व बिजली बिल को स्वयं ही वहन करना है. समापन में रहे उद्योग समूह के किसी भी क्वार्टर की मरम्मत कंपनी द्वारा नहीं करायी जाती, न ही उसमें रहनेवाले लोगों का बिजली का बिल कंपनी प्रशासन द्वारा देय है. ऐसी स्थिति में क्वार्टरों में रहनेवाले लोगों की जिम्मेवारी बनती है कि वे अपने क्वार्टर की मरम्मत कराते हुए निर्धारित किराया जमा कर उसमें रहें या फिर क्वार्टर खाली कर दें.
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