रिपोर्ट में बेहतर ट्रैफिक सिस्टम के लिए भी सुझाये गये कई उपाय
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बदल सकती है ट्रैफिक की सूरत, पर नहीं हो रही कोशिश
रिपोर्ट में बेहतर ट्रैफिक सिस्टम के लिए भी सुझाये गये कई उपाय गया : शहर में यातायात की समस्या अब कोई नयी बात नहीं है. हर रोज झेलते-झेलते अब लोग भी अभ्यस्त हो चुके हैं. प्रशासनिक स्तर पर भी आॅन रोड अब कोई दिलचस्पी नहीं दिखती. ट्रैफिक कंट्रोल के लिए कुछ एक जगहों तैनात कर्मचारी […]
गया : शहर में यातायात की समस्या अब कोई नयी बात नहीं है. हर रोज झेलते-झेलते अब लोग भी अभ्यस्त हो चुके हैं. प्रशासनिक स्तर पर भी आॅन रोड अब कोई दिलचस्पी नहीं दिखती. ट्रैफिक कंट्रोल के लिए कुछ एक जगहों तैनात कर्मचारी भी बस अपनी ड्यूटी कर रहे हैं. पूरी स्थिति देख कर अब यही लगता है कि शहर ने लचर यातायात व्यवस्था को स्वीकार कर लिया है. इन सब के बीच एक रिपोर्ट का जिक्र करना बहुत जरूरी है.
जरूरी इसलिए, क्योंकि यह रिपोर्ट शहर में यातायात की इस अराजक व्यवस्था को सुधारने के उपाय बता रही है. 18 दिसंबर 2017 को नगर यातायात थाना द्वारा एक रिपोर्ट तैयार की गयी. इस रिपोर्ट में शहर के ट्रैफिक सिस्टम को ठीक रखने में आ रही समस्याओं को जिक्र किया गया. साथ ही समस्याओं को कैसे दूर किया जाये, उसके उपाय क्या हैं और बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर की भी जरूरतों का उल्लेख है. इस रिपोर्ट के भेजे जाने के बाद 23 दिसंबर 2017 को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक भी हुई थी. लेकिन, अफसोस कि इनमें से किसी भी बिंदु पर अब तक कोई कारगर काम नहीं हो सका.
शहर की हर सड़क पर है अतिक्रमण : नगर यातायात थाना ने शहर के लिए जो ट्रैफिक प्लान तैयार किया है, उसमें सबसे बड़ी समस्या अतिक्रमण को ही बताया है. रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर लिखा है कि शहर की हर सड़क अतिक्रमित है. इसकी वजह से ट्रैफिक प्लान फेल हो जाता है. शहर की सड़कें संकीर्ण हैं, जिसमें बड़े वाहनों के प्रवेश के साथ ही जाम लग जाता है. ट्रैफिक प्लान में सबसे पहली जरूरत सड़कों का चौड़ीकरण है. इसमें कई सड़कों का जिक्र है. डोभी की ओर से शहर में प्रवेश कर पटना जाने के लिए वाहनों को सिकड़िया मोड़, गया काॅलेज रोड, गेवाल बिगहा मोड़, राय काशीनाथ मोड़, रेलवे स्टेशन, बागेश्वरी गुमटी, छोटकी नवादा, रामशिला होते निकलना पड़ता है. यह रास्ता काफी संकीर्ण है, सड़क के दोनों ओर बिजली व टेलीफोन के खंभे हैं. ऐसे में गाड़ियों को गुजरना मुश्किल है. जाम का यह मुख्य कारण है. मानपुर पुल से पूरब लखीबाग से खिजरसराय मोड़ तक भी यह स्थिति है. केपी रोड से कोतवाली चौक से पश्चिम भदानी कोल्ड स्टोरेज से टिकारी रोड तक अतिक्रमण के कारण यातायात प्रभावित है.
स्कूली बसों का भी है दोष : इस रिपोर्ट में स्कूल की बसों को शहर की खराब ट्रैफिक व्यवस्था के लिए दोषी बताया गया है. इसमें कहा गया कि शहर में कई स्कूल हैं, जिनके पास बच्चों को लाने के लिए बड़ी-बड़ी बसें हैं. स्कूल की यह बसें पूरे ट्रैफिक व्यवस्था को चौपट कर देती हैं. इनकी वजह से शहर की लगभग हर सड़क जाम हो जाती है. पूर्व डीएम कुमार रवि ने भी इसे सही माना था. उन्होंने कहा था कि स्कूल की बड़ी बसों का संचालन बंद कर शहर के अंदर छाेटी स्कूली गाड़ियां चलायीं जायें. इसके लिए रिपोर्ट भी मांगी गयी. लेकिन, यह भी कारगर नहीं हो सका. शहर की सड़कों पर बसों का चलना जारी है.
फुटपाथ का उपयोग नहीं : शहर की सड़कों का अतिक्रमण तो फुटपाथ ने भी किया है. ट्रैफिक प्लान में इसका जिक्र भी किया गया है. कहा गया कि पीरमंसूर मोड़ से जय प्रकाश नारायण अस्पताल तक यातायात का काफी दबाव रहता है. इसी सड़क पर छत्ता मस्जिद तक रोड के पश्चिम भाग में लगभग 15 फुट का फुटपाथ तैयार कर दिया गया है. इसका आज यात्रियों के चलने के लिए कोई उपयोग नहीं है. फुटपाथ पर पूरी तरह से फल विक्रेताओं व अन्य दुकानदारों द्वारा कब्जा कर लिया गया है. स्थिति यह है कि इस पर कोई व्यक्ति चल नहीं सकता. फुटपाथ को अगर पांच फुट कम कर दिया जाये, तो सड़क की चौड़ाई बढ़ जायेगी.
वेंडिंग जोन पर भी कुछ स्पष्ट नहीं : शहर में वेंडरों को लेकर समस्या लंबे समय से है. अतिक्रमण हटाने के नाम पर हर बार उनके खिलाफ कार्रवाई होती है. वेंडर लगातार मांग कर रहे हैं कि उन्हें कोई स्थान दिया जाये. लेकिन, इस पर भी कुछ स्पष्ट नहीं है. नगर निगम के स्तर पर अभी तक कोई पहल नहीं हो सकी है. रिपोर्ट में कहा गया कि जहां-तहां वेंडरों के रहने की वजह से भी सड़कें जाम हो जातीं हैं. वेंडिंग जोन तैयार कर दिया जाये, तो यह समस्या भी समाप्त हो जायेगी.
पार्किंग के पर्याप्त इंतजाम नहीं : शहर में पार्किंग के लिए नगर निगम ने कुछ जगहों पर इंतजाम कराये हैं, लेकिन वह काफी नहीं हैं. जहां इंतजाम हैं भी, तो उनका सही उपयोग नहीं हो पा रहा है. शहर में कई सड़कें ऐसी हैं, जहां वाहनों का बहुत दबाव है. इन सड़कों पर बहुत जरूरी है कि पार्किंग या स्टैंड की व्यवस्था हो. यातायात थाना ने गया काॅलेज मोड़, सिकड़िया मोड़, गेवाल बिगहा मोड़, मुफस्सिल मोड़, घुघरीटांड़-बाइपास के पास स्टैंड/पार्किंग के लिए सुझाव दिया है.
कहां पार्किंग के लिए कौन सी जगह
गया काॅलेज मोड़ के लिए – विधायक डॉ सुरेंद्र प्रसाद यादव के घर के पास खाली जगह है. इसका प्रयोग पार्किंग के लिए किया जा सकता है.
सिकरिया मोड़ के लिए – मेडिकल काॅलेज जानेवाली सड़क में डंकन मध्य विद्यालय से पश्चिम खाली जगह है. इसके अलावा सिकरिया मोड़ बस स्टैंड के उत्तर में भी जगह खाली है. इन दोनों जगहों का प्रयोग किया जा सकता है.
गेवाल बिगहा मोड़ के लिए – गेवाल बिगहा मोड़ से उत्तर व शौचालय के पश्चिमवाली जगह का अतिक्रमण कर रखा गया है. इस जगह का भी उपयोग किया जा सकता है.
मुफस्सिल मोड़ के लिए – किरानी घाट पुल के पास शिव मंदिर से पूरब खाली स्थान है. यहां पहले सब्जी विक्रेताओं को स्थान दिया गया था. लेकिन, यहां दूसरे लोगों ने कब्जा कर लिया है. यहां से अतिक्रमण हटा कर मुफस्सिल मोड़ से आनेवाले आॅटो को वहां ठहराया जा सकता है.
घुघरीटांड़-बाइपास के लिए – इस रास्ते पर एक बड़ी जगह में फल विक्रेताओं ने अतिक्रमण कर रखा है. इस स्थान को खाली करा कर यहां आॅटो स्टैंड तैयार किया जा सकता है.
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