कुल 11 मामलाें की हुई सुनवाई
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ईंट भट्ठा सरकारी जमीन पर हाे, ताे वसूला जाये व्यावसायिक लगान
कुल 11 मामलाें की हुई सुनवाई गया : लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत आयुक्त कार्यालय में मंगलवार काे आयुक्त जितेंद्र श्रीवास्तव ने कुल 11 वादों में सुनवाई की. इनमें 10 अपील के व एक अनुपालन के मामले शामिल थे. खिजरसराय के सत्यम ईंट भट्ठा मामले की सुनवाई करते हुए आयुक्त ने नीमचक बथानी […]
गया : लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत आयुक्त कार्यालय में मंगलवार काे आयुक्त जितेंद्र श्रीवास्तव ने कुल 11 वादों में सुनवाई की. इनमें 10 अपील के व एक अनुपालन के मामले शामिल थे. खिजरसराय के सत्यम ईंट भट्ठा मामले की सुनवाई करते हुए आयुक्त ने नीमचक बथानी के एसडीआे को पुनः आवेदक की उपस्थिति में मामले की जांच कर रिपाेर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि ईंट भट्ठा मालिक पिछले दाे सालों से या छह सालों से सरकारी भूमि का उपयोग कर रहा था, यह स्पष्ट रिपाेर्ट दी जाये. साथ ही ईंट भट्ठा मालिक अगर सरकारी जमीन का उपयोग दाे साल से कर रहा था,
तो उससे व्यावसायिक लगान वसूला जाये. जिला खनन पदाधिकारी ने बताया कि 2016 में ईंट भट्ठा गणेश सिंह के नाम से व 2017 से दिनेश सिंह के नाम से चल रहा है. आयुक्त द्वारा विलंब से प्राथमिकी दर्ज कराने पर भी नाराजगी जतायी. अपील करनेवाली सोनम कुमारी के मामले में गया के जिला कल्याण पदाधिकारी से स्पष्ट आदेश के बावजूद छात्रा को प्रोत्साहन राशि उपलब्ध नहीं कराने पर स्पष्टीकरण मांगा गया. उन्हाेंने कहा कि जब छात्रा 12वीं में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण है, तो फिर उसे मेधा छात्रवृत्ति योजना के तहत प्रोत्साहन के रुपये क्यों नहीं उपलब्ध कराये जा रहे हैं. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि अगली तारीख तक जिला कल्याण पदाधिकारी द्वारा मामले का निराकरण नहीं किया जाता है, तो अर्थदंड की कार्रवाई की जायेगी.
सीआे की रिपाेर्ट पर जतायी नाराजगी
कुंती देवी के मामले में डोभी के सीआे की रिपाेर्ट पर भी आयुक्त ने नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि जब सरकारी जमीन पर निजी व्यक्तियों द्वारा दखल कब्जा कर उसका उपयोग किया जा रहा है, तो सभी कब्जाधारकाें पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है. उन्होंने संबंधित राजस्व कर्मचारी पर विभागीय कार्रवाई करने की अनुशंसा की. सीआे से भी जवाब-तलब किया कि जब छह माह पहले अतिक्रमण की जानकारी प्राप्त हो गई थी, तो अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गयी.
सक्षम संस्था द्वारा जिले में चलवाये जा रहे वृद्धाश्रम के लिए अपना आवेदन दिया गया है. अपील करनेवाले ने कहा कि इतने बड़े जिले में एक वृद्ध आश्रम से काम नहीं चलता है. दो-तीन भी चलाये जा सकते हैं. सामाजिक सुरक्षा कोषांग की सहायक निदेशक नेहा नूपुर ने कहा कि एजेंसी का चयन मुख्यालय द्वारा किया जाता है और इसके लिए विज्ञापन निकाली जाती है.
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