डेल्हा की चंपा देवी ने व्यवहार न्यायालय में दायर किया था हकीयत वाद
एसीजेएम सात की अदालत ने दिया फैसला
गया : गया व्यवहार न्यायालय में फूस के मकान के मालिकाना हक को लेकर 35 साल से चल रहे एक वाद में फैसला आ गया है. यह फैसला एसीजेएम सात डॉ दिनेश कुमार प्रधान ने दिया है. इस फैसले से उस गरीब काे राहत मिली है, जो तीन दशक से आदेश की प्रतीक्षा में था. हालांकि तीन दशक तक चले वाद के दौरान वादी व प्रतिवादी के कई सदस्यों की मौत भी हो गयी. गौरतलब है कि वर्ष 1983 में डेल्हा की चंपा देवी ने व्यवहार न्यायालय में हकीयत वाद (जमीन के मालिकाना हक) दायर किया था. उस वाद में चंपा देवी ने उल्लेख किया था कि डेल्हा स्थित एक भूखंड में वह फूस के मकान में पति व देवर के साथ रहती थी.
पति व देवर की मौत के बाद वह अपने पुत्र राजेश के साथ कुजाप में रहने लगी. इसी बीच वहां रहनेवाले देव शरण राम ने उसके फूस के मकान को ढाह दिया और अपना मकान खड़ा कर लिया. गया व्यवहार न्यायालय में यह वाद 2016 तक चला. 2016 में यह वाद बहस पर आ गया. प्रतिवादी के अधिवक्ता ने इस वाद में सात माह तक बहस किया. इस बीच लगभग 40 से 50 तारीखें चलीं. अदालत ने आखिरकार वादी के पक्ष में डिग्री प्रदान कर दी. यह जानकारी वादी के अधिवक्ता इंदु सहाय ने दी है.
संजय कुमार झा बने कोेेेर्ट में सब जज वन
जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव संजय कुमार झा शुक्रवार से गया सिविल कोेेेर्ट में सबजज वन का प्रभार संभालेंगे. गौरतलब है कि पिछले एक माह से सब जज वन का पद संपत कुमार के ट्रांंस्फर के बाद से रिक्त था. सब जज वन के पद का प्रभार ग्रहण करने के पहले गुरुवार को संजय कुमार झा ने विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव का पद एसीजेएम सात डॉ दिनेश कुमार प्रधान को सौंप दिया. संजय कुमार झा एक वर्ष से जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव पद पर काबिज थे.
उनकी विदाई स्थायी लोक अदालत के सभा कक्ष में गुरुवार को की गयी. इस मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष अशोक कुमार, संजय कुमार, डॉ दिनेश कुमार प्रधान, विकास कुमार, हादी अकरन, प्रत्युल कुमार, दीपक कुमार, शंकर कुमार सोनी, उदय कुमार, अनिल कुमार, पारा लीगल स्वयंसेवक, सेफी आजम, बेबी प्रवीण, वकील कुमार सिंह, ने पुष्प गुच्छ देकर उन्हें सम्मानित किया.