गया: इंतजार की घड़ी समाप्त हो गयी. सीबीएसइ 10वीं की परीक्षा का परिणाम आ गया. इस परीक्षा में कोई परीक्षार्थी फेल नहीं करते, पर ग्रेडिंग का स्तर निमA होने से प्लस टू में परेशानी ङोलनी पड़ती है. स्कूली शिक्षा में सुधार के तहत 10वीं की बोर्ड परीक्षा को वैकल्पिक बना दिया गया था और ग्रेडिंग व्यवस्था लागू की गयी थी.
इसमें स्कूली स्तर पर लगातार समग्र मूल्यांकन (सीसीइ) के माध्यम से उनके शैक्षणिक व रचनात्मक कौशल का मूल्यांकन किया जाता है. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के तहत इस साल 10वीं बोर्ड के मुकाबले यह परिणाम मामूली रूप से बेहतर रहा. सीबीएसइ ने कहा है कि वैसे छात्र, जिन्होंने स्कूल आधारित परीक्षा दी है, वह अपने ग्रेड की पुष्टि के लिए अपने स्कूल में आवेदन कर सकते हैं. स्कूल उनकी उत्तर पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन करके उन्हें परिणाम की जानकारी देंगे.
इसके लिए प्रति विषय दो सौ रुपये का भुगतान करना होगा. गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय के नौ अगस्त, 2011 के मौलिक आदेश के आलोक में छात्रों को उनके आग्रह पर मूल्यांकन की गयी उत्तर पुस्तिका दी जायेगी. छात्रों को 11वीं कक्षा में प्रदर्शन बेहतर करने के लिए दिये जाने वाले मौकों को पांच से घटा कर एक बार कर दिया गया है. हालांकि, ऐसे छात्र जिन्होंने वर्ष 2012 या उससे पहले परीक्षा दी है और बेहतर करने की श्रेणी में आते हैं, उन्हें पांच मौके दिये जायेंगे. छात्रों को प्रदर्शन बेहतर बनाने के लिए दिये जानेवाले पहले मौके के तहत परीक्षा 16 जुलाई, 2013 से शुरू होगी. नियमित छात्र इस बारे में अपने संस्थान के प्रमुख से संपर्क कर सकते हैं.
विद्यार्थी स्कीम-टू (बोर्ड स्तर परीक्षा) से ज्यादा स्कीम वन (स्कूल स्तर परीक्षा) में ज्यादा शामिल थे. हालांकि, बोर्ड की परीक्षा में शामिल होने के फायदे हैं कि सीजीपीए की अच्छा ग्रेडिंग आयी, तो विद्यार्थी दूसरे किसी अच्छे स्कूल में 11वीं कक्षा में नामांकन करा सकते हैं. यह लाभ स्कूल स्तर पर परीक्षा देनेवाले को नहीं मिल पाता. इंजीनियरिंग, मेडिकल सहित अन्य वोकेशनल कोर्सो की तैयारी के लिए दूसरे प्रांत में एडमिशन कराने वाले छात्र इसका लाभ ले सकते हैं.