गया: अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल में गत चार दिनों से जारी गतिरोध खत्म हो गया. शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में जिला प्रशासन ने विभिन्न विभागों में लगाये गये 17 ताले तुड़वा दिये और मेडिकल कॉलेज छात्रों से मुक्त करा लिया. इसके साथ ही गत मंगलवार से ठप चिकित्सा सेवा बहाल हो गयी. इमरजेंसी समेत सभी ओपीडी में मरीजों का इलाज भी शुरू हो गया है. एहतियात के तौर पर कैंप में काफी संख्या में पुलिस बल व पदाधिकारी तैनात हैं.
गत तीन मार्च को एमबीबीएस फाइनल व प्री-फाइनल में फेल हुए छात्रों ने कॉलेज व अस्पताल में जमकर तोड़-फोड़ की थी. प्राचार्य डॉ सोहन प्रसाद चौधरी ने 50 से अधिक उपद्रवी छात्रों के खिलाफ मगध मेडिकल थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी.
लेकिन, अब तक एक भी छात्रा को चिह्न्ति नहीं किया जा सका है. इसके बाद विशेष परीक्षा कराने की मांग पर 22 अप्रैल की शाम फेल छात्रों व उनके सहयोगियों ने मगध मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में ताला जड़ कर विभागीय व चिकित्सीय कार्य ठप कर दिया. 23 अप्रैल की शाम चार बजे से छात्रों ने इमरजेंसी चिकित्सा सेवा भी बंद करा दी. अस्पताल प्रशासन ने इसकी लिखित सूचना प्रशासन को दी. इसके बाद से छात्रों को समझा-बुझा कर ताला खुलवाने का प्रयास जारी था. इस बीच, आर्यभट नॉलेज यूनिवर्सिटी (पटना) के प्रभारी वीसी राणा उदयकांत मिश्र स्पष्ट कर चुके थे कि छात्रों की मांग विधिसम्मत नहीं है.
किसी खास मेडिकल कॉलेज के फेल छात्रों के लिए विशेष परीक्षा लेने अथवा ग्रेस मार्क्स देकर पास करने का प्रावधान नहीं है. लेकिन, छात्रा अपनी मांग पर अड़े रहे. बाध्य होकर प्रिंसिपल डॉ एसपी चौधरी ने गुरुवार की शाम करीब चार बजे अनिश्चितकाल के लिए सभी छात्रा-छात्रओं का क्लास सस्पेंड करने व हॉस्टल खाली करने का आदेश जारी किया. बावजूद इसके रात करीब 10 बजे तक जिला व कॉलेज प्रशासन ने छात्रों को समझाने की हरसंभव कोशिश की. लेकिन, कोई समाधान नहीं निकला. शुक्रवार को मेडिकल कॉलेज में नया सवेरा हुआ और प्रशासन ने दोपहर सवा दो बजे से पौने तीन बजे के बीच सभी ताले तुड़वा कर चिकित्सा सेवा बहाल करा दी. लेकिन, काफी मशक्कत के बाद भी देर शाम तक जिला प्रशासन को छात्रों से हॉस्टल खाली कराने में सफलता नहीं मिली. मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में मजिस्ट्रेट समेत करीब दो सौ पुलिस बल तैनात हैं.