गया: मगध मेडिकल कॉलेज व अस्पताल को छात्रों के कब्जे से बुधवार को भी मुक्त नहीं कराया जा सका. जिला प्रशासन की ओर से डीडीसी विजय कुमार ने छात्रों से बातचीत की पेशकश की.
लेकिन, छात्रों की ओर से भोला शर्मा नामक एक इंटर्न के आगे आते ही बात बिगड़ गयी. कोई भी विभागाध्यक्ष इंटर्न से बातचीत के लिए तैयार नहीं हुए. परीक्षा में फेल होने वाले छात्रों से कहा गया कि सामने आकर बतायें कि वे क्या चाहते हैं? यह सुनते ही सभी छात्र शोर मचाते हुए हॉस्टल में चले गये. प्रशासन के बार-बार बुलावे पर भी बातचीत को तैयार नहीं हुए.
इसके बाद बगैर ताला खोलवाये ही डीडीसी वहां से वापस लौट गये. एमबीबीएस फाइनल व प्री-फाइनल की विशेष परीक्षा संबंधी निर्णय होने तक ताला नहीं खोलने की जिद पर छात्र अड़े हैं. इसका खामियाजा सबसे ज्यादा गरीब मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. छात्रों के इस अड़ियल रवैये के विरुद्ध प्रशासन सख्त कदम उठा सकता है. फिलवक्त इमरजेंसी सेवा बहाल कराने के लिए छात्रों से बातचीत की कोशिश जारी है.
धरनास्थल पर छात्रों से बातचीत करने के लिए डीडीसी के अलावा, मगध मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ सोहन प्रसाद चौधरी, अस्पताल अधीक्षक डॉ सुधीर कुमार सिन्हा, सभी विभागाध्यक्ष व डीएसपी सतीश कुमार आदि भी पहुंचे थे.