गया : मगध विश्वविद्यालय के संबद्ध कॉलेजों में शिक्षक व प्रधानाचार्य की नियुक्ति करने का आदेश देने के बाद भी इसका अनुपालन नहीं हो रहा है. अगर, किसी कॉलेज में अनुपालन हुआ भी है, तो इसकी सूचना विश्वविद्यालय को नहीं है.
कुलसचिव डॉ डीके यादव के हस्ताक्षर से जारी अधिसूचना में स्पष्ट कहा गया है कि संबद्ध कॉलेज की कमेटी व उसकी चयन समिति शिक्षकों व प्रधानाचार्य की नियुक्ति के लिए सक्षम है. लेकिन, विधिवत नियुक्ति के लिए केवल कुछ प्रक्रिया अपनाने का निर्देश विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा दिया गया है. पत्र में निर्देश दिया गया है कि सचिव के द्वारा नियुक्ति के लिए विश्वविद्यालय के कुलसचिव के नाम से अधियाचना पत्र भेजें. इस पत्र में पद सृजन व कॉलेज के संबंधन की कॉपी निश्चित रूप से संलगA करें. इसके साथ ही विज्ञापन कराने के बाद ही नियुक्ति की जा सकती है. विज्ञापन पंजीकृत दैनिक समाचार पत्रों में देने का निर्देश दिया गया है.
इससे संबंधित कागजात कुलसचिव के कार्यालय में 10 से 15 दिनों के बाद तक जमा करने का निर्देश दिया गया है. निर्धारित तिथि के बाद जमा किये गये आवेदन पर विचार नहीं करने की चेतावनी भी दी गयी है. इस नियुक्ति की वैद्यता के लिए कॉलेज के शासी निकाय या तदर्थ समिति द्वारा अनुमोदित चयन समिति के सदस्यों का नाम भेजने को कहा गया है.
क्या कहते हैं कॉलेज निरीक्षक
इस संबंध में विश्वविद्यालय में कार्यरत महाविद्यालय निरीक्षक (कला व वाणिज्य) डॉ जयराम प्रसाद ने बताया कि संबद्ध कॉलेज की कमेटी शासी निकाय हो अथवा तदर्थ. प्रधानाचार्य से लेकर पदचर (आदेशपाल) तक की नियुक्ति व निष्कासित करने का भी अधिकार सुरक्षित है. इस कारण विश्वविद्यालय प्रशासन कोई हस्तक्षेप नहीं करता.
उन्होंने बताया कि कॉलेज के संचालकों को जब भी मन में आता है, कार्रवाई के कागजात भेज दिये जाते हैं. यही कारण है कि किसी कॉलेज में किसी पद पर बहाली हुई.