गया: लाचार विधवा यशोदा देवी अपने टूटे पैर का प्लास्टर कराने के लिए 29 मार्च से ही जयप्रकाश नारायण (जेपीएन) अस्पताल का चक्कर लगा रही हैं. पर, अब तक उनके पैर का प्लास्टर नहीं किया जा सका है.
विधवा का आरोप है कि प्लास्टर करने के एवज में उनसे 100 रुपये की मांग की जा रही है. पैसे देने में असमर्थता जताने के कारण ही उनके साथ टाल-मटोल किया जा रहा है. दूसरी ओर टूटे पैर की पीड़ा असहनीय होती जा रही है. विधवा ने अपनी आपबीती प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, मानवाधिकार आयोग, प्रमंडलीय आयुक्त, जिला पदाधिकारी, अस्पताल अधीक्षक व उपाधीक्षक आदि को भेजी है.
विधवा ने लिखा है कि पहली बार 29 मार्च (शनिवार) को पैर में असहनीय दर्द की शिकायत लेकर जेपीएन अस्पताल में पहुंची. ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों ने दवा लिख दी, पर कहा कि हड्डी के डॉक्टर सोमवार को आयेंगे, तब आना. पुन: 31 मार्च (सोमवार) को अस्पताल में आने पर एक्स-रे कराने की सलाह दी गयी. एक्स-रे कराने गयी, तो दूसरे दिन आने को कहा गया.
एक अप्रैल यानी मंगलवार को एक्स-रे होने पर प्लास्टर कराने को कहा गया. पर, एक्स-रे पाउडर (प्लास्टर ऑफ पेरिस) उपलब्ध नहीं रहने की बात कही गयी. साथ ही कहा गया कि तुरंत प्लास्टर कराना चाहती हो, तो 100 रुपये दो अथवा चार दिनों के बाद आना. तब तक पाउडर आ जायेगा. लेकिन, पुन: चार अप्रैल (शुक्रवार) को अस्पताल आने पर सोमवार को आने के लिए कह कर टाल दिया गया. विधवा यशोदा देवी ने ‘प्रभात खबर’ को बताया कि वह नगर प्रखंड के कुजापी गांव की निवासी हैं. एक बार अस्पताल जाने में 50 रुपये खर्च होते हैं. इतने बार बुलाये जाने के बाद भी प्लास्टर नहीं किया गया.
क्या गरीब मरीजों के लिए अस्पताल में प्लास्टर के लिए पाउडर नहीं रहता है. आखिर कहां जाता है पाउडर? उन्होंने इस मामले की जांच करा कर दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने व अविलंब अपने पैर का प्लास्टर कराने की मांग की है.