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काश! खेल में रुचि लेते नेता

गया: स्वस्थ जीवन के लिए खेलकूद (स्पोर्ट्स) भी जरूरी है. यह बात मानते तो सब हैं. लेकिन, स्पोर्ट्स के क्षेत्र में इस मान्यता का असर कहां हैं? कहीं कोई ठोस काम धरातल पर दिख रहा है क्या? प्रभात खबर की एक परिचर्चा में अपने इस सवाल के साथ शहर के विख्यात हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ […]

गया: स्वस्थ जीवन के लिए खेलकूद (स्पोर्ट्स) भी जरूरी है. यह बात मानते तो सब हैं. लेकिन, स्पोर्ट्स के क्षेत्र में इस मान्यता का असर कहां हैं? कहीं कोई ठोस काम धरातल पर दिख रहा है क्या? प्रभात खबर की एक परिचर्चा में अपने इस सवाल के साथ शहर के विख्यात हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ फरासत हुसैन ने दावा किया कि खेलकूद में भी व्यक्ति व समाज को बदलने व सजाने-संवारने का माद्दा है. इसके प्रभाव से देश की छवि सुधर व निखर सकती है.

बिहार एथलेटिक्स एसोसिएशन के सचिव अरुण कुमार ओझा ने कहा कि खेलकूद में राजनीतिक पार्टियों की रुचि सिर्फ इसलिए नहीं है क्योंकि, नेताओं को खिलाड़ियों में वोट बैंक नहीं दिखता. नेता यह समझते हैं कि खिलाड़ियों से उन्हें कोई भी राजनीतिक लाभ नहीं मिलने वाला. जिला ओलिंपिक संघ के महासचिव मोती करीमी ने कहा कि पिछले 20 वर्षो या उससे भी अधिक समय में शायद ही किसी पार्टी ने अपने घोषणापत्र में खेल के विकास के मुद्दे को शामिल किया हो. यही कारण है कि आज देश में खेल की स्थिति बदतर हो गयी है.

कमान सिर्फ खिलाड़ियों के हाथों में हो: जिला फुटबाल संघ के सचिव खतीब अहमद ने कहा कि भारत में बड़ी अजीब स्थिति है कि खेल विभागों व संघों की कमान वैसे लोगों के हाथों में होती है, जिन्हें खेलकूद से दूर-दूर तक न तो वास्ता होता है और न ही स्पोर्ट्स अनुभव. इस व्यवस्था में बदलाव लाने की जरूरत है. फुटबॉलर अरुण यादव ने कहा कि देश में खेल नीति बने और उसे सही तरीके से लागू किया जाये. क्रिकेटर अखिलेश सिंह ने भी राजनीतिक दलों से खेल को अपने घोषणापत्र में एक अहम हिस्सा देने की अपील की.

सस्ती स्वास्थ्य सेवा हो मुहैया : खेलकूद के अलावा परिचर्चा में उपस्थित लोगों ने अन्य मुद्दों पर भी बात की. डॉ फरासत हुसैन ने कहा कि देश में स्वास्थ्य सेवा पर भी बात होनी चाहिए . देश के बड़े अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवा काफी महंगी है, जो आम लोगों की पहुंच से काफी दूर है. दूसरी ओर, सरकारी अस्पतालों में व्यवस्था के नाम पर सबकुछ शून्य है. ऐसे में देश के लोग कहां जायें? उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को स्वास्थ्य व्यवस्था के असंतुलन पर ध्यान देना होगा.

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