गया: पूर्व सांसद दयानंद सहाय की 12वीं पुण्यतिथि के मौके पर दयानंद-सुशीला सांस्कृतिक केंद्र (रेनेसांस) में शनिवार की शाम अलंकरण समारोह सह संगीत संध्या का आयोजन किया गया.
इस अवसर पर रेनेसांस के अध्यक्ष व हंस पत्रिका के संपादक संजय सहाय ने पहले अपने पिता की तसवीर पर पुष्पांजलि अर्पित की. इसके बाद बाकी लोगों ने. गौरतलब है कि पिछले वर्ष से दयानंद सहाय स्मृति सम्मान व सुशीला सहाय स्मृति सम्मान देने की परंपरा की शुरुआत की गयी है. इस कड़ी में दयानंद सहाय स्मृति सम्मान-2014 शहर के चर्चित तबला वादक पंडित श्रीकांत तिवारी को दिया गया. सुशीला सहाय स्मृति सम्मान-2014 के लिए कवि सत्येंद्र कुमार का चयन किया गया है. शनिवार की शाम गया में उपस्थित नहीं होने के कारण उन्हें यह सम्मान बाद में दिया जायेगा. इस मौके पर स्व सहाय के कृतित्व व व्यक्तित्व पर भी चर्चा की गयी.
इस अवसर पर संगीत संध्या का आयोजन किया गया. महेश लाल हल ने सबसे पहले मिश्र खमाज में ठुमरी प्रस्तुत की. उनके बोल ‘जादू भरे तोरे नैन, तोरे नैन श्याम..’ को लोगों ने खूब पसंद किया. उनका तबले पर संगत दिनेश लाल मउआर ने किया. उप शास्त्रीय गायन में ठुमरी व चैती की प्रस्तुति राजेंद्र कुमार सिजुआर ने की. उनका तबले पर पिनाकी चक्रवर्ती व हारमोनियम पर मनीष कुमार ने संगत किया. चैतन्य जोशी ने वांसुरी वादन किया.