आस्था . परंपरा के अनुरूप मना वटसावित्री का पर्व
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पति की सलामती के लिए विवाहिताओं ने मांगी दुआ
आस्था . परंपरा के अनुरूप मना वटसावित्री का पर्व दरभंगा : अक्षय सुहाग के लिए विवाहिताओं ने उत्साह के वातावरण में परंपरानुरूप वटसावित्री पर्व मनाया. बरगद के पेड़ की विधिपूर्वक पूजा की. इसे लेकर बरगद पेड़ के नीचे व्रतियों का जमघट दोपहर बाद तक लगा रहा. गुरूवार की अहले सुबह से ही इस पर्व को […]
दरभंगा : अक्षय सुहाग के लिए विवाहिताओं ने उत्साह के वातावरण में परंपरानुरूप वटसावित्री पर्व मनाया. बरगद के पेड़ की विधिपूर्वक पूजा की. इसे लेकर बरगद पेड़ के नीचे व्रतियों का जमघट दोपहर बाद तक लगा रहा. गुरूवार की अहले सुबह से ही इस पर्व को लेकर व्रतियां तैयारी में जुट गयी थी. पवित्र जल से स्नान करने के पश्चात नये वस्त्र धारण किये. नख-सिख शृंगार किया. नाक से मांग तक सिंदूर लगाया. व्रतियों के हाथ व पांव मेंहदी व रंग से रंगे थे. पूजा की थाल में लीची, आम, चना, अरबा चावल, सुहाग सूत्र आदि लेकर बरगद के पेड़ के समीप पहुंची. सिर में बरगद का पत्ता लगाया. परंपरानुरूप पेड़ की पूजा की.
पति का प्रतीक मान बरगद के पेड़ को गले लगाया. नये बेना से हवा किया. किसी भी आपदा से अपने सुहाग यानी पति को सुरक्षित रखने की मनोकामना के साथ बरगद के पेड़ में सुहाग सूत्र बांधा. नवविवाहिताओं के घर में इस पर्व को लेकर विशेष उत्साह था. परंपरागत गीत के साथ पूजन किया गया. कई घरों में बरगद की टहनी को मिट्टी में गाड़कर उसकी पूजा की. पूजन के पश्चात भींगे चना व फल आदि आगंतुक महिलाओं के बीच बांटा गया. महिलाओं ने व्रत भी रखा. सूर्यास्त से पूर्व बिना नमक का अरबा भोजन ग्रहण किया. शुक्रवार की सुबह व्रतियां उपवास खंडित करेंगी.
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