दुस्साहस. जेल से फिर मांगी गयी रंगदारी
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पैसे लेने पहुंचा युवक गिरफ्तार
दुस्साहस. जेल से फिर मांगी गयी रंगदारी दरभंगा : मंडल कारा से एक बार फिर रंगदारी मांगे जाने का मामला प्रकाश में आया है. पीडि़त की ओर से जानकारी मिलते ही रंगदारी की पैसा लेने पहुंचे लहेरियासराय थाना क्षेत्र के सैदनगर निवासी उमेश पंजियार के पुत्र मंजीत कुमार को पुलिस ने दबोच लिया. उसके पास […]
दरभंगा : मंडल कारा से एक बार फिर रंगदारी मांगे जाने का मामला प्रकाश में आया है. पीडि़त की ओर से जानकारी मिलते ही रंगदारी की पैसा लेने पहुंचे लहेरियासराय थाना क्षेत्र के सैदनगर निवासी उमेश पंजियार के पुत्र मंजीत कुमार को पुलिस ने दबोच लिया. उसके पास से दिया गया पांच हजार रुपया तथा एक मोबाइल बरामद किया गया. मामले को लेकर थाना में कांड अंकित किया गया है. सदर एसडीपीओ दिलनवाज अहमद ने बताया कि मंजीत जेल में बंद अपने सहयोगी प्रमोद दास के कहने पर रंगदारी की पांच हजार रुपया लेने पहंुचा था. पुलिस को जैसे ही इसकी जानकारी मिली, मंजीत को गिरफ्तार कर लिया गया.
मोबाइल पर मांगी गयी रंगदारी
पीड़ित संतोष साह का कहना है कि जेल से उसके मोबाइल पर फोन कर पांच हजार की रंगदारी मांगी गयी थी. इसमें बताया कि गांजा पीने के आरोप में 15 जुलाई को उसके पिता रामकृत साह जेल गये थे. 18 जुलाई की रात उसके मोबाइल नंबर 9006922310 पर फोन आया. फोनकर्ता ने उसके पिता को जेल में ठीक से रहने के बदले पांच हजार की रकम की मांग की. पैसा नहीं देने के एवज में उसके पिता को चैन से नहीं रहने की धमकी दी. इसके उपरांत पूरी जानकारी पुलिस को दी गयी.
जेल से मिले निर्देशानुसार मंजीत जैसे ही पैसा लेने पहुंचा उसे लहेरियासराय बस स्टेैंड के नजदीक से धड़ लिया गया. एसडीपीओ श्री अहमद ने बताया कि मंजीत पूर्व में भी बाइक लूट के एक मामले में जेल जा चुका है. पांच माह जेल में रहने के बाद बेल पर रिहा हुआ है. बता दें कि जेल से रंगदारी मांगे जाने का मामला पूर्व में भी प्रकाश में आ चुका है. लगभग एक माह पूर्व 19 जून को मंडल कारा में बंद संतोष मिश्रा ने पतोर ओपी क्षेत्र के उसमा मठ निवासी गोविंद राय के पुत्र शशिरंजन प्रसाद से रंगदारी की मांग की थी. गोविंद राय के जेल जाने के बाद सही से रहने को लेकर पैसा की मांग की गयी थी. इस दौरान भी शशि के शिकायत पर पुलिस ने पैसा लेने पहुंचे केएम टैंक निवासी उज्जवल प्रसाद को गिरफ्तार किया था. उज्वल ने पुलिस को दो -तीन बार जेल के अंदर से मिले निर्देश पर पैसा लेने की बात को स्वीकारा था. सोचने वाली बात यह है कि इतनी सुरक्षा व्यवस्था के बाद मोबाइल जेल में कैसे पहुंच जाता है. जेल में छापामारी के दौरान कई बार आपत्तिजनक सामान बरामद हो चुका है.
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