तीन सालों से गिरता जा रहा ग्राफ
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2015-16 में 14 लाख के राजस्व की कमी
तीन सालों से गिरता जा रहा ग्राफ पिछले तीन वित्तीय वर्ष के कारोबार पर नजर डालेें तो इसमें कमी आती दिखती है. यहां यह स्पष्ट कर दें कि प्राय: प्रत्येक साल रेलवे माल भाड़ा में कमोबेश वृद्धि करती है. ऐसे में अपेक्षित आय नहीं होना इसका द्योतक है. साल 2013-14 में जावक माल से दरभंगा […]
पिछले तीन वित्तीय वर्ष के कारोबार पर नजर डालेें तो इसमें कमी आती दिखती है. यहां यह स्पष्ट कर दें कि प्राय: प्रत्येक साल रेलवे माल भाड़ा में कमोबेश वृद्धि करती है. ऐसे में अपेक्षित आय नहीं होना इसका द्योतक है.
साल 2013-14 में जावक माल से दरभंगा जंकशन को जहां एक करोड़ 22 लाख 36 हजार 852 रुपये की आय हुई थी, वहीं इसके अगले साल 2014-15 में एक करोड़ 30 लाख, 38 हजार 402 रुपये की आमदनी हुई. पिछले संपन्न वित्तीय वर्ष 2015-16 में तो दो साल पहले हुई आय से भी कम आमद हुई. इसमें रेलवे को यहां से एक करोड़, 16 लाख, 73 हजार, 472 रुपये ही आये.
सीतामढ़ी खंड पर बुकिंग बंद
दरभंगा : जंकशन के पार्सल कार्यालय से पहले सीतामढ़ी खंड के लिये अच्छी बुकिंग हुआ करती थी. रेलवे ने जब से इस खंड पर सवारी गाड़ी के पुराने रेक की जगह डीएमयू का परिचालन शुरू किया हैै, पार्सल की बुकिंग बंद हो गयी है. कारण इस रेक में पार्सल भेजने के लिये ब्रेक भान ही नहीं है. लिहाजा यह लाइन बुकिंग के नजरिये से बंद हो गया है. बताया जाता है कि इससे भी रेलवे को अच्छी आमदनी होती थी, जो बंद हो गयी.
कानपुर के लिये सीधी ट्रेन नहीं होने से व्यापारी परेशान
जंकशन के पार्सल कार्यालय में अपना माल बुक क राने पहुंचे बेनीपुर के एक व्यापारी ने बताया कि अब यहां से कानुपर के लिये सीधी ट्रेन नहीं है.
माखाना की डिमांड कानुपर के बाजार में अधिक है. सीधी ट्रेन नहीं होने की वजह से माल बुक नहीं करवा पर रहे हैं. ज्ञातव्य हो कि मूल रूप से दरभंगा से पूणे जानेवाली ज्ञानगंगा व अमृतसर जानेवाली शहीद व सरयू यमुना एक्सप्रेस ही बच रह गयी है, जिसमें माल बुकिंग होती है.
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