दरभंगा : भले ही अति व्यस्त कार्यक्रम को लेकर बुधवार को आमलोगों से सीएम नीतीश कुमार रू-ब-रू नहीं हुए, लेकिन डीएमसीएच परिसर में सीएम के एक झलक पाने के लिए लोग बेताब दिखे. महिलाओं को यह मलाल था कि सीएम को नशाबंदी को लेकर आशीर्वाद दें. सीएम के गुणगान करते लोग थक नहीं रहे थे. उनलोगों में सीएम द्वारा एकबार स्वास्थ्य का भी हालचाल लेने की आस बंधी थी. वह आस भी जस का तस रह गया.
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सीएम की एक झलक पाने को बेताब थे लोग
दरभंगा : भले ही अति व्यस्त कार्यक्रम को लेकर बुधवार को आमलोगों से सीएम नीतीश कुमार रू-ब-रू नहीं हुए, लेकिन डीएमसीएच परिसर में सीएम के एक झलक पाने के लिए लोग बेताब दिखे. महिलाओं को यह मलाल था कि सीएम को नशाबंदी को लेकर आशीर्वाद दें. सीएम के गुणगान करते लोग थक नहीं रहे थे. […]
काश! उसने मिलकर धन्यवाद देता : सीतामढी जिला के बिस्फी गांव निवासी रामनारायण शर्मा अपने पांच दिन के नवजात शिशु के इलाज कराने आये हैं. भीड़-भाड़ से उसे सूचना मिली कि सीएम यहां आ रहे हैं. वे मरीज को छोड़ सड़क पर सीएम की झलक पाने के लिए चल दिये. परिजन ने बताया कि काश! मैं भी उनसे मिल पाता और शराबबंदी के लिए धन्यवाद देता. हालांकि वह बताते हैं कि उसने कभी दारु पिया तक नहीं है.
भगवान दास मुहल्ला निवासी सरोज साह का कहना था कि मुख्यमंत्री नीतीश कु मार शराब बंदी को करा दिये अब स्वास्थ्य पर भी थोड़ा ध्यान दे दें तो मरीजों का भला होगा. सजवाड़ा गांव निवासी गौड़ी पासवान ने बताया कि शराब बंदी ने कई घरों को उजड़ने से बचा लिया. रात दिन बूढ़े हो या जवान, बच्चे हो या महिलाएं सभी को नशा का भूत सवार हो गया था. वहीं सिंहवाड़ा के लालपुर गांव निवासी बैजनाथ यादव छह माह की बच्ची निधि कुमारी का इलाज कराने शिशु रोग विभाग आये.
उन्होंने बताया कि गांव स्तर पर डाक्टरों की व्यवस्था होती तो गांव से यहां इलाज कराने यहां नहीं आते. मधुबनी जिला के पंडौल निवासी चंदन राय की पत्नी चंदा देवी के 10 दिन के नवजात शिशु को डीएमसीएच में भरती कराया गया. सीएम को देखने के लिए पति चंदन राय भी सड़क के किनारे खड़े हैं. सवाल पूछने पर बताया कि गरीब का सुनऽवला क्यों नहिं छै. गरीब के पास समस्या ही समस्या है.
इलाज का पुख्ता इंतजाम कर दीजिए: मधुबनी जिले के रामचौक निवासी टुनटुन देवी भी मरीज का इलाज कराने के क्रम में वार्ड से बाहर निकल आयी. उसने बताया कि समस्या तो गांव में है, जहां सरकारी अस्पताल के अभाव में यहां आना पड़ा है. निर्मली, बरियाही गांव निवासी गंगिया देवी ने बताया कि सीएम से मिलते तो उनसे एक ही विनती करते कि गांव में स्वास्थ्य का पुख्ता इंतजाम कर दीजिए. जिससे गरीबों का भला होगा. मिर्जापुर चौक स्थित बैट्ररी दुकानदार सत्यनारायण ने बताया कि वे उनका पहले भाषण सुनने विश्वविद्यालय गये, फिर डीएमसीएच आये, लेकिन उनका भाषण नहीं हुआ.
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