दरभंगा : विगत आठ वर्षों में शहरी जलापूर्ति योजना के नाम पर 30 करोड़ रुपये खर्च होने के बावजूद एक भी योजना के चालू नहीं होने से क्षुब्ध नगर निगम के पार्षदगण आगामी 4 मई को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर अपनी फरियाद रखेंगे. नगर निगम बोर्ड ने इस योजना के कार्य एजेंसी पीएचइडी एवं अभिकर्ता मेसर्स किर्लोस्कर एवं ब्रदर्स की कार्यपद्धति की जांच निगरानी विभाग से कराने का निर्णय लिया था.
निगम बोर्ड के निर्णय संबंधी पत्र नगर आयुक्त ने नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव को भेजा था. जिसका प्रतिउत्तर अबतक प्राप्त नहीं होने से निगम प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर सका है. एम माह पूर्व निगम बोर्ड की बैठक के दौरान करीब दो दर्जन पार्षदों ने बैठक का बहिष्कार कर सभाकक्ष के सामने इसी कार्रवाई के लिए धरना दिया था. मेयर ने पार्षदों को आश्वस्त किया था कि शीघ्र ही संबंधित एजेंसी एवं अभिकर्ता पर कार्रवाई की जायेगी.
लेकिन एक महीना बाद भी कार्रवाई संबंधी कोई पहल होते नहीं देख पार्षदगण अपनी इस विवशता से मुख्यमंत्री को अवगत करायेंगे. ज्ञात हो कि शहर में व्याप्त जलसंकट के कारण पिछले दो सप्ताह से नगर निगम प्रशासन तीन ट्रैक्टरों पर टैंकर रख वार्डों में जल वितरण कर रहा है.
पीएचइडी की ओर से जो शहरी जलापूर्ति वर्तमान में कार्यरत है वह करीब 30 वर्ष पुराना है. इसीलिए तीन लाख से अधिक आबादी वाले इस शहर में पीएचइडी से वर्तमान में मात्र 9 लाख लीटर (4.50 लाख लीटर सुबह एवं उतनी ही मात्रा में शाम में) जलापूर्ति की जाती है. जगह-जगह भूमिगत पाइप के टूटने से जलापूर्ति का पानी इतना गंदा रहता है कि उससे स्नान करना भी संभव नहीं. इसके बावजूद जलसंकट से जूझ रहे लोग किसी तरह उसका उपयोग कर रहे हैं.