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आपत्ति हो तो मांगे मायके का नर्गित जाति प्रमाण पत्र

आपत्ति हो तो मांगे मायके का निर्गत जाति प्रमाण पत्रआयोग ने कहा विवाद होने पर मांगा जाये मायके का प्रमाण पत्र दरभंगा : पंचायत चुनाव में महिलाओें के जाति निर्धारण को लेकर राज्य निर्वाचनआयोग के निर्देशों में उलझाउ की वजह से कई अभ्यर्थियों का नामांकन रद्द कर दिया गया. कई महिलाओं ने तो इस प्रमाण […]

आपत्ति हो तो मांगे मायके का निर्गत जाति प्रमाण पत्रआयोग ने कहा विवाद होने पर मांगा जाये मायके का प्रमाण पत्र दरभंगा : पंचायत चुनाव में महिलाओें के जाति निर्धारण को लेकर राज्य निर्वाचनआयोग के निर्देशों में उलझाउ की वजह से कई अभ्यर्थियों का नामांकन रद्द कर दिया गया. कई महिलाओं ने तो इस प्रमाण पत्र के निर्गत नहीं हो सकने के कारण नामांकन भी दाखिल नहीं कर सकी. इसकी वजह राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा जारी निर्देश बनी. पहले आदेश में आयोग ने जाति का लाभ लेनेवाले महिला अभ्यर्थियों से मायके का निर्गत जाति प्रमाण पत्र नामांकन के वक्त प्रस्तुत करने क ो कहा था. इसको लेकर खूब गहमा गहमी रही. कई अभ्यर्थियों को इस वजह से नामांकन करने से रोक भी दिया गया तो कईयों ने प्रमाण पत्र समय पर निर्गत नहीं हो सकने के कारण नामंाकन दाखिल करने का इरादा छोड़ दिया. कई अभ्यर्थियों का नामांकन भी इस प्रमाण पत्र के नहीं लगने के कारण संवीक्षा में अभ्यर्थी का नामांकन रद्द कर दिया जाने लगा. इसको लेकर आयोग के पास अभ्यर्थी ने फरियाद सुनाई और नामंाकन रद्द करने को गलत ठहराया. बाद में 21 मार्च को आयोग ने निर्देश जारी कर ऐसे अभ्यर्थियों का नामंाकन रद्द नहीं करने का आदेश सभी जिला पदाधिकारियों को निर्गत कर दिया, लेकिन इस आदेश में भी स्पष्ट नहीं किया गया था कि मायके का निर्गत प्रमाण पत्र आवश्यक है अथवा नहीं. इस मुद्दे पर निर्वाची पदाधिकारियों में भी उहापोह की स्थिति रही. इन पदाधिकारियों ने नामांकन रद्द करने से परहेज रखा, लेकिन उठ रहे सवालों का जबाव उनके पास नहीं था. इस मुद्दे पर एक अप्रैल को आयोग के सचिव दुर्गेश नंदन का जारी पत्र कुछ हदों तक इन शंकाओं को दूर कर रहा है. 1 अप्रैल 2016 को जारी पत्र में आयोग ने कहा है कि मायके का जाति प्रमाण पत्र संलग्न करना आवश्यक नहीं, बल्कि उन्हें जाति से संबंधित ससुराल का निर्गत जाति प्रमाण पत्र देना है. आयोग ने स्पष्ट किया है कि जब किसी महिला अभ्यर्थी की जाति को ले विवाद उत्पन्न या आपत्ति जतायी जाती है तो मायके का निर्गत जाति प्रमाण पत्र मांगा जाना चाहिये. इस आशय का पत्र सभी जिलाधिकारी को भेजकर आयोग ने इसकी सूचना निर्वाची पदाधिकारियों को देने के निर्देश दिये हैं.

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