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बढ़ेगा वित्तीय भार

-विमलनाथ झा- दरभंगा. बिहार नगरपालिका संशोधन विधेयक 2013 विधानसभा एवं विधान परिषद से पारित होने के बाद राज्यपाल के हस्ताक्षर होते ही प्रभावी हो जायेगा. संशोधित अधिनियम लागू होने के बाद शहरी क्षेत्र के जमीनों पर संपत्ति कर का बोझ 6 फीसदी बढ़ जायेगा. पूर्व में भूमि एवं भवनों का वार्षिक किराया 9 फीसदी था, […]

-विमलनाथ झा-

दरभंगा. बिहार नगरपालिका संशोधन विधेयक 2013 विधानसभा एवं विधान परिषद से पारित होने के बाद राज्यपाल के हस्ताक्षर होते ही प्रभावी हो जायेगा. संशोधित अधिनियम लागू होने के बाद शहरी क्षेत्र के जमीनों पर संपत्ति कर का बोझ 6 फीसदी बढ़ जायेगा. पूर्व में भूमि एवं भवनों का वार्षिक किराया 9 फीसदी था, उसे बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया गया है. विभिन्न वर्गो के होल्डिंग के लिए प्रति वर्गफुट किराया प्रत्येक 5 वर्ष पर 15 फीसदी तक वृद्धि होगी. नगर निकाय 5 वर्षो में किसी भी समय सरकार के अनुमोदन से कर में संशोधन कर सकती है तथा नगर निगम को इसमें निर्धारित वार्षिक किराया मूल्य को कम करने के अधिकार से वंचित कर दिया गया है. वर्तमान में कॉरपेट एरिया में संपत्तिकर निर्धारण किया जाता है, लेकिन नए प्रावधान के मुताबिक संपत्ति एरिया का माप निमA रूप से संगणित किया जायेगा.

रेनवाटर हार्वेस्टिंग पर पांच फीसदी की छूट

नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 158 में एक नयी धारा ‘158 क’ जोड़ा गया है. नये अधिनियम के अनुसार, यदि किसी भवन में राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित रेनवाटर हार्वेस्टिंग तकनीक लगाया गया है तो उसमें कुल संपत्ति कर में 5 फीसदी की छूट दी जायेगी. नये प्रावधान के तहत अब जितने भी नक्शों की स्वीकृति नगर निगम से दी जायेगी, उसमें रेनवाटर हार्वेस्टिंग तकनीक बनाने की अनिवार्यता होगी.

दो अक्षर व आठ अंकों का होगा होल्डिंग

संशोधित नगरपालिका विधेयक लागू होने के बाद अब होल्डिंग नंबर दो अक्षर और आठ अंकों का होगा. प्रथम दो अक्षर उस क्षेत्र को इंगित करेगा, जिसमें नगर विभाजित है जैसे दरभंगा-लहेरियासराय. अगला तीन अंक उस क्षेत्र के प्रत्येक प्रक्षेत्र (मुहल्ला-टोला) को इंगित करेगा. अगला चार अंक उस परिसर का होगा. अगला एक अंक यह बतायेगा कि वह परिसर विभाजित है या एक से अधिक परिसरों को एकीकृत किया गया है.

निगम स्वीकृत करेगा नक्शा

सरकार के निर्देश पर वर्तमान में निबंधित वास्तुविदों द्वारा भवन निर्माण के लिए नक्शों की स्वीकृति दी जा रही है. लेकिन नए विधेयक के लागू होने के बाद भवन निर्माण के लिए नक्शों को वास्तुविद निगम को अनुशंसित करेंगे और अंतिम स्वीकृति नगर निगम से मिलेगी.

अब नहीं बनेगा घाटे का बजट

नगरपालिका अधिनियम की धारा 82 की उपधारा 7 में संशोधन कर घाटे का बजट बनाने पर रोक लगायी गयी है. आय-व्यय प्राक्कलन में न्यूनतम 25 फीसदी वित्तीय संस्थानों को शहरी गरीबों के लिए आधारभूत सेवाओं के लिए कर्णाकित किया जाएगा. अर्थात आद्यशेष जो सभी प्राप्तियों जोड़ने के पश्चात एवं सभी व्यय घटाने के बाद अंतशेष शून्य से कम नहीं होगा.

समिति के अधिकार में वृद्धि

धारा 104 क में संशोधन कर सशक्त स्थायी समिति को व्यापक अधिकार दिया गया है. सशक्त स्थायी समिति निगम की किसी अचल संपत्ति की बिक्री हस्तांतरण या अन्य तरीके से यथा विहित नियम के अनुसार निष्पादित कर सकेंगे. साथ ही 104 में एक नयी कंडिका (कक) जोड़ा गया है. इसके अनुसार सशक्त स्थायी समिति नियमावली द्वारा यथा निर्धारित रीति से निगम की किसी अचल संपत्ति को भाड़ा पर देना, भाड़ा, किराया, आवंटन या लीज पर देगी या बंदोबस्त कर सकता है.

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