दरभंगा : डीमएसीएच गायनिक वार्ड में परिजनों के लिए रैन बसेरा भवन का निर्माण कराया गया था. जिला प्रशासन के आदेश पर एक साल पूर्व 10 रूम का रैन बसेरा भवन का निर्माण नगर निगम ने कराया था. भवन निर्माण के बाद यह रैन बसेरा लावारिश बन गया है. इस भवन पर डीएमसीएच प्रशासन और नगर निगम का लगाम नहीं है. इसका फायदा उठाते हुए कई लफंगों ने दो कमरों में अपना ताला लटका दिया है.
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डीएमसीएच के रैनबसेरा का नहीं मिल रहा पूरा लाभ
दरभंगा : डीमएसीएच गायनिक वार्ड में परिजनों के लिए रैन बसेरा भवन का निर्माण कराया गया था. जिला प्रशासन के आदेश पर एक साल पूर्व 10 रूम का रैन बसेरा भवन का निर्माण नगर निगम ने कराया था. भवन निर्माण के बाद यह रैन बसेरा लावारिश बन गया है. इस भवन पर डीएमसीएच प्रशासन और […]
रैन बसेरा का कमरा मात्र मरीज के परिजन ही बुक करा सकते हैं. एक भी कमरा गैर मरीजों के परिजनों को नहीं मिलेगा. इसके लिए मरीजों के पुर्जो का फोटोस्टेट सौंपना पड़ेगा. रैन बसेरा के एक कमरा के बुक पर परिजनों को 75 रुपये का भुगतान करना पड़ेगा. एक साल से परिजनों से तय राशि नहीं ली जा रही है. इसका लेखा-जोखा रखने वाले का भी कोई पता नहीं है. रैन बसेरा का एक कमरा में ताला लगा रहता है. यह विशेष रूम रात में ही खुलती है. दिन में इसमें ताले लटके रहते हैं. रैन बसेरा का 10 में से नौ कमरों में महिला-पुरुष रहते हैं. ऐसे लोग मरीज के भर्ती के नाम पर एक पखवाड़ा तक रहते हैं.
पूछने पर लोगों ने बताया कि उनका मरीज भर्ती है लेकिन इसका लेखा-जोख कहीं नहीं है. इसलिए इन कमरों में कौन अवैध है और कौन वैध, यह कहना मुश्किल है.
दूसरी ओर, गार्डों ने इस रैन बसेरा के एक कमरा मात्र रात में खुलने की शिकायत सोमवार को अस्पताल उपाधीक्षक डॉ रामसागर से किया है. अस्पताल उपाधीक्षक ने बताया कि नगर निगम से इसकी विस्तृत जानकारी के लिए पत्र लिखेंगे.
एक कमरा में कौन ताला लटका रखा है उन्हें यह भी जानकारी नहीं है.
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