दरभंगाः स्कूली शिक्षकों ने राज्य सरकार के खिलाफ संघर्ष का बिगुल फूंक दिया. बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रमंडलीय शैक्षिक सेमिनार में इसका ऐलान करते हुए प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार पप्पू ने कहा कि सरकार नियोजित शिक्षकों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार कर रही है. जब भी संघ जायज मांगों को लेकर आंदोलन छेड़ती है तो दमनात्मक कार्रवाई की जाती है.
शिक्षक नेताओं को जेल में डाल दिया जाता है. लाठियां चटकाई जाती है. अब शिक्षक इसे कतई बरदाश्त नहीं करेंगे. सरकार के शिक्षक विरोधी नीति के कारण प्रदेश के तीन लाख नियोजित शिक्षक आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक रूप से त्रस्त हैं. दक्षता परीक्षा परिणाम के आधार पर हजारों शिक्षकों की छंटनी की साजिश चल रही है. नियोजित शिक्षकों को वेतनमान, स्नातक योग्यताधारी शिक्षकों को स्नातक ग्रेड में समायोजन, ऐच्छिक स्थानांतरण आदि ऐसे मुद्दे हैं जिसपर सरकार गंभीरतापूर्वक विचार नहीं कर प्रारंभिक शिक्षा को गर्त्त में ले जा रही है, जबकि इन्हीं शिक्षक के कंधों पर प्रारंभिक विद्यालयों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का दारोमदार है.
श्री पप्पू ने सरकार के विरुद्ध आंदोलन का खुलासा करते हुए 9 दिसंबर को विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यव्यापी धरना का ऐलान किया. मंच का संचालन प्रदेश उपाध्यक्ष सह जिलाध्यक्ष शंभु यादव कर रहे थे. मौके पर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के पूर्व अध्यक्ष डॉ एकेपी यादव, इग्नू के क्षेत्रीय निदेशक एसएम सिंह आदि ने भी विचार रखे.